Uttarakhand

गर्भावस्था के बाद स्वस्थ एवं टोन शरीर पाने के लिए योग के आसन: डाॅ0 सुजाता संजय

देहरादून। बच्चे को जन्म देना हर माँ के लिए बहुत ही खुशी का पल होता है इसलिए जब लेडी प्रेग्नेंट होती है तो उसे अपने बढे हुए वजन को लेकर कोई परेशानी नहीं होती है प्रसव के बाद आए बदलावों के कारण नयी माँ के वजन का बढ़ना बहुत ही सामान्य बात है। यह बदलाव दवाइयों और इंजेक्शन आदि से ठीक नहीं होते लेकिन योग से यह समस्या आसानी से कम हो सकती है। हर महिला चाहती है की इस बढे हुए वजन को कम करके वो वापिस से पुराने शेप में आ जाये इसके लिए महिला कई तरह के प्रयास भी करती है और यह सही भी है क्योकि बढ़ा हुआ वजन ना केवल बीमारियों को आगमन है व आने वाले बच्चे के जन्म को लेकर दिक्कतों का सामना भी करना पढ़ सकता है!

     डाॅ0 सुजाता संजय, स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ, संजय आॅर्थेापीडिक, स्पाइन एवं मैटरनिटी सेंटर ने बताया कि डिलीवरी चाहे नॉर्मल हो या सी सेक्शन दोनों ही सूरतों में योग एकदम शुरू नहीं करना चाहिए बल्कि कुछ हफ्तों के बाद जब घाव और टांके पूरी तरह से ठीक हो जाएँ उसके बाद ही विचार करना बेहतर है। लेकिन हां इसके फायदे कई हैं। योग से प्रसव के बाद कमजोर हुआ शरीर तो मजबूत बनता ही है साथ ही इससे तनाव से भी मुक्ति मिलती है। प्रेगनेंसी के दौरान जो भी शारीरिक और मानसिक समस्याएं पैदा होती हैं सामान्य तौर पर एक महिला नॉर्मल डिलीवरी के लगभग 4 से 6 महीने के बाद योग करना शुरू कर सकती है। परंतु सी-सेक्शन के बाद योग कब शुरू करना चाहिए इस बारे में आपको डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है। डॉक्टर पहले चेक करेंगे और उसके बाद ही वे आपको एक्सरसाइज करने के कुछ टिप्स और गाइडेंस दे सकते हैं। यदि डॉक्टर कहते हैं कि आप एक्सरसाइज कर सकती हैं तो आपको सरल आसन से योग करना शुरू कर देना चाहिए और फिर धीरे-धीरे अपने इस रूटीन को थोड़ा कठिन करती रहें।

डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि सी-सेक्शन के बाद योग करने से आपकी मांसपेशियां एक्टिव व मजबूत होती हैं और आपकी पूरी तरह से रिकवरी होने में मदद मिलती है। कमजोर व ढीली मांसपेशियां और लिगामेंट्स एक बार फिर से टाइट व ऑर्डर में आ जाते हैं और यह आपको चिंता-मुक्त रखने में मदद करता है। योग से आप ज्यादा देर तक ध्यान व फोकस रह सकती हैं। यह आपके मस्तिष्क, शरीर और आत्मा को शांति प्रदान करता है।

डाॅ0 सुजाता ने बताया कि सिजेरियन सेक्शन से डिलीवरी के बाद सामान्य स्थिति में आने में वक्त लगता है। एक अनुमान के मुताबिक डिलीवरी के बाद महिला को नॉर्मल होने में लगभग 18 महीने लग जाते हैं। क्योंकि इस दौरान महिला अपने स्वास्थ्य से ज्यादा अपने बच्चे पर ध्यान देती है।जब भी आप योग करें तो हमेशा आपको पहले बेसिक स्ट्रेचिंग और ब्रीथिंग एक्सरसाइज करने से शुरू करना चाहिए। इस दौरान आप बहुत ज्यादा एक्सरसाइज व स्ट्रेचिंग न करें और आप उतना ही करें जितनी आपकी शारीरिक क्षमता हो। लेकिन, कुछ समय बाद आप व्यायाम कर सकती हैं। हालांकि किसी भी तरह के व्यायाम से पहले किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

प्रसव के बाद किये जाने वाले मुख्य योगासन

ऽ ॐ उच्चारण (व्उ) प्रसव के बाद योग की शुरुआत ॐ उच्चारण से करें। इससे तनाव दूर होता है और शांति मिलती है। इसके साथ ही अनिद्रा और प्रसव की अन्य समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इस शुरुआत से आपका शरीर अन्य आसनों के लिए भी तैयार होगा।

ऽ कंधरासनः यह आसान पेट के अंगों और पेल्विक क्षेत्र को ठीक करने में मदद करता है। यह महिलाओं के रिप्रोडक्टिव अंगों को भी शक्ति प्रदान करता है।

ऽ भुजंगासनः यह कंधे, पेट और छाती की मांसपेशियों को मजबूत करता है। इस आसान को करने से आपके पीठ के निचले हिस्से की अकड़न कम हो सकती है और आपकी भुजाएं और कंधे मजबूत होते हैं।

ऽ उर्ध्वा प्रसारित पादासनःयह आसन करने से आपकी पीठ के पिछले हिस्से को ताकत मिलती है, पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और पोस्चर में सुधार होता है।

ऽ अधोमुख श्वानासनः इसे डॉग पोज भी कहा जाता है। यह आसन करने से आपकी पीठ, रीढ़, जांघों व काव्स की मांसपेशियां स्ट्रेच होती हैं और यह मजबूत होते हैं। इस आसन को करने से आप दोबारा से जीवंत और एनर्जी से भरपूर महसूस कर सकती हैं। यह मस्तिष्क को शांत रखता है और चिंताएं कम करने में मदद करता है।

ऽ ताड़ासनः इसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है। यह आसन पूरे शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है। यह शारीरिक नियंत्रण और शरीर को शक्ति प्रदान करने में मदद करता है और साथ ही यह मांसपेशियों को भी मजबूत करता है, खून को बहाव में सुधार लाता है और पोस्चर भी ठीक करता है।

ऽ वृक्षासनः जब आपको लगे कि आप बहुत आसानी से ऊपर दिए हुए सभी आसन कर सकती हैं तो आप वृक्षासन योग करने का प्रयास कर सकती हैं। वृक्षासन पोज करने से पेल्विक क्षेत्र ठीक होता है, शारीरिक नियंत्रण में सुधार आता है और इससे आपके पूरे शरीर में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

ऽ त्रिकोणासन: प्रसव के बाद महिला को सबसे अधिक जिस चीज से परेशानी होती है वो है पेट में जमी चर्बी। पेट की इस चर्बी को कम करने में त्रिकोणासन लाभदायक है। इसके साथ ही इस आसन को करने से पेट, कमर या टांगों की चर्बी भी कम होती है व प्रसव के बाद होने वाले अवसाद या घबराहट से भी यह आसान मुक्ति दिलाने में सहायक है।

ऽ सेतुबंधासन: सेतुबंधासन आसन प्रसव के बाद होने वाली चिंताओं और तनाव को कम करने में सक्षम है। इसके साथ ही इसको करने से सिर दर्द भी कम होता है और मन शांत रहता है। नयी माताओं के लिए यह आसन बहुत ही जरूरी है।

ऽ गरुड़ासन: गरुडासन को इगल पोस भी कहा जाता हैद्य प्रसव के बाद रोजाना गरुड़ासन करने से जोड़ों में होने वाले मांसपेशियों के खिंचाव दूर होता है। यह श्रोणी को भी मजबूत बनाता हैद्य यह प्रसवोत्तर के तनाव को दूर करता हैद्य

ऽ अर्धमत्स्येन्द्रासन: इस आसान को करने से प्रसव के बाद होने वाली कमर दर्द या पीठ दर्द से राहत मिलती है। इसके साथ ही शरीर में रक्त का संचार सही से होता है। अर्धमत्स्येन्द्रासन कब्ज और पेट की समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।

ऽ व्याघ्रासनः प्रसव के बाद पेट में मांसपेशियों के खिंचाव के कारण नई बनी माँ को बहुत समस्या होती है लेकिन प्रसव के बाद व्याघ्रासन से मांसपेशियों में ऐंठन कम होती है इसके साथ ही इससे मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।

डाॅ0 सुजाता संजय ने बताया कि सिजेरियन के बाद आप घर के आसपास टहल सकती हैं। लेकिन ध्यान रहे कि इस दौरान आप जॉगिंग बिलकुल न करें। धीरे-धीरे घर के आसपास का चक्कर लगाइए। शुरूआत में केवल 10 मिनट टहलिए बाद में इसे बढ़ाकर 30 मिनट कर सकती हैं। इससे आपके शरीर में रक्त संचार बढ़ेगा और आप स्वस्थ भी रहेंगी !सी-सेक्शन सर्जरी के बाद रिकवरी होने में नॉर्मल डिलीवरी की रिकवरी से ज्यादा समय लगता है। इसलिए सर्जरी के बाद एक्सरसाइज या योग करते समय ज्यादा ध्यान देने और खयाल रखने की जरूरत पड़ती है। सिजेरियन के बाद अपने डाइट पर ध्यान दीजिए। अपनी डाइट चार्ट में ऐसे खाद्य-पदार्थ शामिल कीजिए जो मिनरल और विटामिन से भरपूर हों। नियमित रूप से जांच करवाते रहिए और चिकित्सक से सलाह अवश्य लीजिए।

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