नियामक आयोग से की मोर्चा ने विद्युत कीमतें घटाने की मांगः नेगी
-वितरण हानियां व एटी एंड सी हानियों पर लगे अंकुश
-100 यूनिट प्रतिमाह के स्लैब पायदान को बढ़ाकर किया जाए 200 यूनिट प्रतिमाह
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित जनसुनवाई 10 अप्रैल के क्रम में मोर्चा द्वारा मा. आयोग को मांग पत्र प्रेषित कर विद्युत कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को कम करने का आग्रह किया, जिसमें मोर्चा ने वितरण हानियां तथा एटी एंड सी हानियां कम करने एवं 100 यूनिट प्रतिमाह के स्लैब को बढ़ाकर 200 यूनिट प्रतिमाह करने की मांग की।
नेगी ने कहा कि यूपीसीएल की लापरवाही एवं अधिकारियों की मिलीभगत के चलते प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण हानियां तथा ए.टी. एंड सी. हानियों का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है द्य उक्त के अतिरिक्त यूपीसीएल के एक तरह से स्वायत्तशासी (ऑटोनॉमस बॉडी) होने का लाभ अधिकारी उठा रहे हैं तथा सरकारी नियंत्रण न के बराबर होने के बराबर होना भी बहुत कारण है। नेगी ने कहा कि बिजली महंगी होने का मुख्य कारण ष्वितरण हानियां एवं ए.टी.एंड सी. हानियां हैं, जोकि वर्ष 2018-19 में 14.32 फीसदी तथा 2019- 20 में 13.40 फीसदी थी तथा इसी प्रकार ए.टी. एंड सी. हानियां वर्ष 2018-19 में 16.52 फीसदी तथा 2019- 20 में 20.44 फीसदी थी यानी कुल मिलाकर 30-35 फीसदी लॉसेस (हानियों) की वजह से विभाग बिजली के दामों में बढ़ोतरी कर देता है। नेगी ने कहा कि अधिकारियों एवं बिचैलियों की सांठगांठ के चलते मांग के सापेक्ष अत्याधिक बिजली खरीदने में भी भारी खेल होता है। नेगी ने कहा कि अगर आंकड़ों की बात की जाय तो वर्ष 2018-19 में सरकार द्वारा 14083.69 मिलियन यूनिट्स खरीदी गई, जबकि उसके सापेक्ष 12295.20 मिलियन यूनिट्स बेची गई तथा इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 14139. 31एमयू खरीदी गई एवं उसके सापेक्ष 12538.65 एमयू बेची गई। पत्रकार वार्ता में दिलबाग सिंह, नारायण सिंह चैहान आदि उपस्थित रहे।