स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने समस्याओं को लेकर सांसद निशंक को दिया ज्ञापन
हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति का एक प्रतिनिधि मंडल, रुड़की बीएसएम पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. योगेंद्र नाथ शर्मा अरुण के मार्गदर्शन में हरिद्वार सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से उनके आवास पर मिला। अमर शहीद जगदीश वत्स के भांजे श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने डॉ निशंक को स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके उत्तराधिकारियों की समस्याओं से अवगत कराया तथा इस संबंध में एक लिखित प्रत्यावेदन भी दिया।
संगठन के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने डॉ निशंक को बताया कि उत्तराखंड में शासनादेशानुसार राजकीय सेवाओं, अर्ध शासकीय सेवाओं तथा स्थानीय निकायों की भर्ती में स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितोंध्उत्तराधिकारियों को 2प्रतिशत का क्षैतिज आरक्षण दिया गया है, लेकिन सरकार द्वारा सन् 2018 से ही स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को 2प्रतिशत होरिजेंटल आरक्षण दिये जाने में लापरवाही की जा रही है तथा आरक्षण का लाभ अभ्यर्थियों को भर्तियों में नहीं दिया जा रहा है। रघुवंशी ने उन्हें अवगत कराया कि हाल ही में शिक्षा विभाग द्वारा 574 शिक्षकों की सीधी भर्तियों हेतु अध्याचन जारी किया गया है, लेकिन दुर्भाग्यवश इन रिक्तियों में भी स्वतंत्रता सेनानियों के 2प्रतिशत के क्षैतिज आरक्षण के कॉलम में शून्य लिखकर उसे नगण्य बना दिया गया है। यह स्थिति अत्यंत दुखद है तथा सरकार के इस रवैये से स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों में तथा उनके उत्तराधिकारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
प्रतिनिधिमंडल ने निशंक अनुरोध किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करें तथा स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को नियमानुसार जो 2प्रतिशत का होरिजेंटल आरक्षण मिलना चाहिए, उसे दिलाये। डॉ निशंक ने कहा कि उन्हें स्वयं इस बात का अफसोस हो रहा है कि होरिजेंटल आरक्षण का लाभ स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को क्यों नहीं मिल पा रहा है? उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस मामले को व्यक्तिगत रूप से देखेंगे व मुख्यमंत्री से इस बारे में चर्चा कर समाधान कराएंगे। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारिका भी डा निशंक को भेंट की गई। प्रतिनिधिमंडल में जितेन्द्र रघुवंशी महासचिव के अतिरिक्त सुरेन्द्र कुमार सैनी कार्यकारी अध्यक्ष, अर्जुन सिंह राणा उपाध्यक्ष, राजकुमार अग्रवाल, शशांक गुप्ता संगठन सचिव तथा अवधेश पंत संयुक्त सचिव शामिल रहे।