चालू वित्त वर्ष में 98.96 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेश में शहरी विकास, चिकित्सा, गृह आदि विभागों में जनहित के कार्यों और घोषणाओं को पूर्ण करने के लिए वित्तीय स्वीकृतियों के साथ ही चालू वित्त वर्ष में कार्य शुरू करने के लिए धनराशि जारी करने पर सहमति प्रदान की है। नगरपालिका परिषद रानीखेत चिलियानौला के कार्यालय भवन की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री की घोषणा थी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 1.98 करोड़ के सापेक्ष चालू वित्त वर्ष में 98.96 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है। उधमसिंह नगर जिले की ग्राम पंचायत नगला को नगर पंचायत का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर नियमों में शिथिलता के साथ मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। अब शहरी विकास विभाग इस ग्राम पंचायत को नगर निकाय का दर्जा देने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही करेगा।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत नगर पंचायत लोहाघाट के अंतर्गत युवा भवन के पास अंबेडकर पार्क के निर्माण के लिए 28.27 लाख की वित्तीय स्वीकृति देते हुए 40 फीसदी राशि अवमुक्त करने पर सहमति दी है। नगर पंचायत ऊखीमठ के कार्यालय भवन निर्माण के लिए 1.12 करोड़ के सापेक्ष 50 फीसदी राशि 55.88 लाख की वित्तीय स्वीकृति चालू वित्तीय वर्ष में जारी करने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं।
ग्रामीण निर्माण विभाग के तहत मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र रुद्रप्रयाग के कमोल्डी मोल्काखाल मोटर मार्ग से खेल मैदान पीपली तक सड़क मार्ग का निर्माण कार्य किया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष में 75.98 लाख की वित्तीय स्वीकृति दी है। चिकित्सा विभाग के तहत उधमसिंह नगर के विभिन्न अस्पतालों व मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में अनुरक्षण कार्यों में अनियमितता के संबध में तत्कालीन सीएमओ यूएसनगर डॉ. हेमंत कुमार जोशी (सेवानिवृत्त) के खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही समाप्त की गई है। डा. जोशी पर निर्माण कार्य के लिए बजट को 10 लाख से कम टुकड़ों में विभाजित करने पर वित्तीय नियमों का उल्लंघन का आरोप था। इस मामले में महानिदेशक स्वास्थ्य की जांच में वित्तीय हानि न होने की रिपोर्ट पर सेवानिवृत्त डा. जोशी के खिलाफ चल रही अनुशासनिक कार्यवाही को समाप्त किए जाने पर मुख्यमंत्री ने अनुमोदन दिया है। जिला पंचायत उधमसिंह नगर कार्यालय में कार्यरत लेखाकार गोवर्धन दुम्का के खिलाफ उच्चाधिकारियों के खिलाफ दुर्व्यवहार और कार्य में अभिरूचि न लेने की शिकायतों पर उन्हें बागेश्वर स्थानांतरित करने पर सहमति दी गई है।