बेरोजगारी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का उपवास
देहरादून। बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में धरना दिया। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने आवास पर ही उपवास पर बैठे।
कांग्रेस भवन में धरने पर बैठे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने आज ब्लॉक स्तर पर धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं को रोजगार देने में असफल रही है। कोरोना संकट के दौरान जो प्रवासी अपने घरों को लौट कर आये हैं उन लोगों के लिए भी सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। जिसकी वजह से प्रवासियों के सामने भी रोजीकृरोटी का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे में उन लोगो को फिर से रोजगार की तलाश में रोजगार के लिए पलायन करने को मजबूर होना पड़ेगा।
उन्हेांने कहा कि मुख्यमंत्री को बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। यदि वे रोजगार देने में सक्षम नहीं है तो उन्हें कुर्सी पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनके साथ धरने पर महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, कमलेश रमन, पूर्व विधायक राजकुमार, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, गरिमा दसौनी आदि बैठे। उधर अपने आवास पर उपवास पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि रोजगार को लेकर सरकार के पास सामूहिक समझ नहीं है कहा कि वे काफी समय से रोजगार का मुद्दा उठा रहे हैं। सरकार को बेरोजगारों के लिए तत्काल विचार करने की आवश्यकता है। साढ़े तीन वर्षों में राज्य में रोजगार हाशिए पर चला गया है। पद खाली हैं लेकिन इन पदों को भरने के लिए भर्तियां नहीं खोली जा रही हैं। वहीं पंजाब में प्रभारी की जिम्मेदारी दिए जाने पर रावत ने कहा कि वे इस नई जिम्मेदारी से खुश हैं। पहले मुझे असम की जिम्मेदारी दी गई थी। अब पंजाब जैसी धरती में पंजाब कांग्रेस के साथ काम करना काफी महत्वपूर्ण है।