कृषि में रोजगार की अपार संभावनाएं लेकिन युवाओं का नहीं लग रहा मन
बेंगलुरुः एक ताजा अध्ययन में पाया गाया कि युवाओं को सबसे कम रुचि कृषि क्षेत्र में है। इसकी वजह इस क्षेत्र में जॉब सिक्योरिटी की कमी, इसमें स्कोप को लेकर कम जागरुकता और एंटरप्रेन्योरियल स्पिरिट की कमी है। आर्गेनिक खेती और हेल्दी फूडिंग के बढ़ते प्रचलन के कारण देश के कृषि क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं लेकिन युवाओं की इसमें दिलचस्पी काफी घट गई है।
31 से 35 साल वालों की काफी रूचि
पिछले साल जनवरी से दिसंबर के बीच कृषि संबंधी नौकरियों का सर्च प्रति सप्ताह औसतन 25 प्रतिशत घटा है। इस क्षेत्र के प्रति रुचि की कमी सबसे अधिक 21 से 25 साल के आयुवर्ग में आई है। नौकरी की सुरक्षा, क्षेत्र में रोजगार संबंधी जागरुकता और उद्यमशीलता की कमी के कारण युवाओं का रुझान खेती में घटा है। हालांकि, 31 से 35 साल के आयुवर्ग ने इस क्षेत्र के प्रति काफी रूचि दिखाई है और संभवत: इसकी वजह यह है कि वे तब तक खेती के लिए जरूरी कौशल और जानकारी हासिल कर लेते हैं।
अध्ययन के अनुसार, भारतीय किसान खेती करने में तेजी से मशीन को अपना रहे हैं और सरकार ने भी बजट में इस क्षेत्र पर बौछार कर दी है जिससे इसके विकास की संभावना और बढ़ी है। इसके अलावा सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य 2022 तक किसानों की आयु दोगुनी करने का है और आर्थिक सर्वेक्षण मेंं भी इस साल कृषि क्षेत्र के 2.1 प्रतिशत की दर से बढऩे का अनुमान जाहिर किया गया है।
कृषि बन सकता है अच्छा प्रोफेशनल
इनडीड इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर शशि कुमार ने कहा कि भारत में करियर बनाने के लिए कृषि एक अच्छा क्षेत्र है, जिसे बाजार और सरकार सभी मिलकर बढ़ावा दे रहे हैं लेकिन युवाओं की घटती रुचि को देखते हुए उनमें इसके प्रति जागरुकता लाने की जरूरत है। एग्रीबिजनेस, एग्रीकल्चरल रिसोर्स मैनेजमेंट, फूड साइंसेज और टेक्नोलॉजी इत्यादि जैसे उभरते अत्याधुनिक कोर्सेज की वजह से कोई भी कृषि क्षेत्र में एक अच्छा प्रोफेशनल बनने के बारे में सोच सकता है।