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पुलवामा मुठभेड़ : पत्थरबाजों की मदद से आतंकी फरार

श्रीनगर । जम्मू कश्मीर में एक बार फिर पत्थरबाजों के नापाक इरादों की वजह से आतंकी भागने में कामयाब हुए। पुलवामा मुठभेड़ के दौरान भारी पत्थरबाजी कर पत्थरबाजों ने आतंकियों को भगाने में मदद की। इससे पहले भी कई बार पत्थरबाज ऐसी हरकतें कर चुके हैं, सुरक्षाबलों की कार्रवाई को बाधित करने के लिए अकसर नकाबपोश पत्थरबाजों की ओर से आतंकियों की मदद की गई है।

CRPF का एक जवान शहीद  बता दें कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा के बारपोरा गांव में सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी, लेकिन पत्थरबाजों के कारण आतंकी सुरक्षित भागने में कामयाब हो गए। हालांकि मुठभेड़ के दौरान आतंकियों से लोहा लेते हुए सीआरपीएफ का जवान शहीद हो गया है, जबकि क्रॉस फायरिंग में एक स्थानीय नागरिक जख्मी हो गया है। वहीं, दो मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।पुलवामा से मिली जानकारी के अनुसार, टाकिया-वागम इलाके में तीन से चार आतंकी बीती रात आए थे। इसका पता चलते ही आधी रात के बाद सेना की 55 आरआर, एसओजी और सीआरपीएफ के एक संयुक्त कार्यदल ने गांव की घेराबंदी कर ली। आज तड़के करीब एक बजे जवानों ने जैसे ही आतंकी ठिकाना बने मकान की तरफ आगे बढ़ने का प्रयास किया तो आतंकियों ने जवानों पर ग्रेनेड फेंकने शुरू कर दिए और उसके बाद उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने भी जवाबी गोलीबारी की, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। इसमें सीआरपीएफ की 182वीं वाहिनी का एक जवान मनदीप सिंह गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे उसी समय श्रीनगर स्थित सेना के 92बेस अस्पताल में उपचार के लिए लाया गया। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई और वे वीरगति को प्राप्त हो गए। वहीं, आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच क्रास फायरिंग की चपेट में आकर एक स्थानीय नागरिक बशीर अहमद भी जख्मी हो गया। उसके कंधे पर गोली लगी है और उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जाता है कि मुठभेड़ के दौरान जब वह अपने घर से बाहर भाग रहा था तो उस समय वह जख्मी हुआ है।

गोलियों की गूंज से जागे लोग  गांव में गोलियों की गूंज से सुबह लोगों की आंख खुली। लेकिन नापाक पत्थरबाजों ने मुठभेड़ को रोकने के लिए सुरक्षाबलों पर पथराव शुरू कर दिया। सुरक्षाबलों ने आतंकियों की गोलियों का जवाब देते हुए हिंसक भीड़ पर भी काबू पाने का प्रयास किया। बताया जाता है कि आतंकियों ने जिन दो मकानों में ठिकाना बना रखा था, उनमें सवा तीन बजे के करीब अचानक जोरदार धमाके हुए और दोनों मकानों में आग लग गई। दमकल कर्मियों को आग बुझाने के लिए बुलाया गया, लेकिन तब तक पथराव कर रही भीड़ बहुत बढ़ गई थी। सुरक्षाबलों ने अनावश्यक जनक्षति से बचने के लिए जैसे ही कुछ देर के लिए आतंकियों पर अपनी फायरिंग रोकी, आतंकी पथराव की आड़ में भाग निकले। एसएसपी पुलवामा मोहम्मद असलम चौधरी ने बताया कि गांव में हमें आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कुछ देर के लिए अपना अभियान स्थगित करना पड़ा। इसका फायदा उठाकर आतंकी वहां से निकल गए। मुठभेड़ में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हुआ है और दो मकानों को भी क्षति पहुंची है।बता दें कि जम्मू-कश्मीर का आतंकियों के खिलाफ सेना का ऑपरेशन जारी है। हाल ही में सेना ने दक्षिण कश्मीर के शोपियां में हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर सद्दाम पैडर समेत छह आतंकियों को मार गिराया था, जिसमें कश्मीर यूनिवर्सिटी का असिस्टेंट प्रोफेसर रफी भट भी शामिल था। हालांकि इस मुठभेड़ के दौरान पांच नागरिकों की भी मौत हो गई थी, जबकि तीन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे। ये सेना की अबतक की सबसे बड़ी कामयाबी है, क्योंकि सद्दाम की मौत के साथ ही कश्मीर में बुरहान वानी का पूरा आतंकी गैंग साफ हो गया। गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन ऑलआउट’ के जरिए कश्मीर को आतंकवाद मुक्त करने के मिशन पर निकली भारतीय सेना ने इस साल अब तक 67 आतंकियों को मार गिराया है। वहीं पिछले साल सेना ने 208 आतंकवादियों को ठिकाने लगाया था।

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