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एक जिम्मेदार नागरिक बनकर माहौल शांत करने व कराने को निभायें जिम्मेदारी

नई दिल्‍ली । नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई राज्‍यों में प्रदर्शन हो रहा है। कई जगहों पर यह प्रदर्शन हिंसक को चुका है। राज्‍य सरकारें और केंद्र लगातार इन प्रदर्शनों पर अपनी नजर रखे हुए है। एहतियातन कई जगहों पर मोबाइल इंटरनेट को बंद कर दिया गया है। यह इसलिए किया गया है जिससे मोबाइल के जरिए किसी तरह के भड़काऊ बयानबाजी या झूठी खबरें न फैलाई जा सकें। इटरनेट बंद होने से कुछ लोगों को परेशानी तो जरूर हो रही है लेकिन सच्‍चाई ये है कि यह जरूरी भी है।  आपको यहां पर बता दें कि जिस तरह का माहौल देश के विभिन्‍न इलाकों में बन रहा है, उसके पीछे कहीं न कहीं इंटरनेट ही है। यहां पर आपको ये भी बता दें कि ऐसे में आपको अपने सामाजिक दायित्‍वों के निर्वाहन के सतर्क रहने की जरूरत है।

बरतें ये एहतियात 

  • अपने मोबाइल पर आने वाले ऐसे मैसेज जिनमें धरना प्रदर्शनों में शामिल होने की अपील की जा रही हो, उन्‍हें नजरअंदाज करें और मोबाइल से डिलीट कर दें।
  • विरोध प्रदर्शनों को लेकर किसी भी तरह का मैसेज फॉरवर्ड न करें।
  • ऐसे किसी भी वीडियो को आगे फॉरवर्ड न करें जिससे लोगों को भड़कने और हिंसा करने का मौका मिल जाए। ऐसे सभी मैसेज और वीडियो मैसेज को लेकर पुलिस से शिकायत जरूर करें।
  • आपको बता दें कि इस तरह के माहौल में कई तरह की फेक न्‍यूज फैलाकर आपराधिक तत्‍व अपने निजी हितों को साधने का काम करते हैं। लिहाजा पूरी तरह से सतर्क रहें।
  • भारत के जिम्‍मेदार नागरिक होने के नाते ये आपका दायित्‍व है कि विरोध-प्रदर्शनों में शामिल होने जा रहे लोगों को समझाएं और ऐसा करने से रोंके।
  • आपके लिए जरूरी है कि एहतियातन किसी भी भीड़ का हिस्‍सा न बनें।
  • सोशल मीडिया को लेकर सबसे अधिक सावधान होने की जरूरत है। किसी भी तरह से विरोध प्रदर्शनों को लेकर बेवजह के पोस्‍ट न करें। ऐसा कोई पोस्‍ट आम आदमी को इससे बचाव के लिए किया जाए।
  • सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल आप इस कानून की सही बातों को बताने और लोगो के कानून को लेकर असमंजस को दूर करने के लिए कर सकते हैं।

यहां पर हुए विरोध प्रदर्शन

दिल्‍ली: राजधानी के जामिया नगर समेत पूर्वी दिल्‍ली के कई इलाकों में इस कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन हुआ।

उत्‍तर प्रदेश: यूपी के गाजियाबाद, हापुड़ बुलंदशहर समेत 15 जिलों में नागरिकता संशोधन कानून  के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है। कुछ जिलों में तो यह प्रदर्शन हिंसकतौर पर हुआ है। लखनऊ में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों में आग लगा दी और पुलिस पर पथराव भी किया।

तेलंगाना: इस कानून के खिलाफ हैदराबाद यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने लगभग 100 छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया जिन्‍हें बाद में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। चार मीनार इलाके में भी कुछ लोगों ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया था। आपको बता दें कि पुलिस ने शहर में किसी भी तरह के धरना प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है।

पश्चिम बंगाल: यहां की मुख्‍यमंत्री खुद इस कानून और एनआरसी के खिलाफ काफी तीखी बयानबाजी कर रही हैं। यहां पर कई जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए हैं। दिनापुर इलाके में कुछ हिंसा जरूर देखने को मिली। प्रदर्शनकारियों ने एनएच 34 को कुछ देर के लिए बंद कर दिया था।

मणिपुर: यहां पर भाकपा, माकपा, रेवलूशनेरी सोशलिस्ट पार्टी और ऑल इंडिया फॉरवार्ड ब्लॉक सीएए के खिलाफ है। गुरुवार को भी राज्‍य में इन पार्टियों ने 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया था। इसका असर राज्‍य की परिवहन व्‍यवस्‍था पर हुआ था।

गुजरात: अहमदाबाद में सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था। यह प्रदर्शन लेफ्ट पार्टियों के नेतृत्‍व में किया गया था। इस दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया था।

तमिलनाडु: चेन्‍नई में इस कानून के खिलाफ सैकड़ों लोगों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में अभिनेता लेकर कुछ नेता भी शामिल हुए।

महाराष्ट्र: पुणे में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ के खिलाफ कांग्रेस ने प्रदर्शन किया इसके अलावा मुंबई के क्रांति मैदान में कई फिल्‍मी हस्तियों ने इस कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया।

कर्नाटक: यहां पर कलबुर्गी में काफी संख्‍या में लोग कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी के नेतृत्‍व में सड़कों पर उतरे। यहां पर कुछ लोगों ने पुलिस ने हिरासत में भी लिया। बेंगलुरु, कलबुर्गी, दक्षिण कन्नड़ और उसके आसपास के जिलों में 21 दिसंबर की रात तक एहतियातन धारा 144 लगाई गई है। इसके अलावा इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।

असम-मेघालय: इस कानून का सबसे शुरुआती विरोध असम में ही देखने को मिला यहां के कुछ जिलों में बीते दिनों कर्फ्यू तक लगाना पड़ा था। दोनों ही राज्‍यों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।

बिहार: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों की वजह से यहां के पटना भागलपुर, उत्तर बिहार, भोजपुर और जहानाबाद यातायात प्रभावित हुए।

चंडीगढ़: इस कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों से चंडीगढ़ भी अछूता नहीं रहा। यहां पर लोगों ने दिल्‍ली के जामिया मिलिया इस्‍लामिया के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन किया।

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