एक शादी समारोह में एक बार फिर साथ दिखे अजीत-फड़णवीस
मुंबई। महाराष्ट्र में 81 घंटे की सरकार चलाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और राकांपा नेता अजीत पवार एक बार फिर रविवार को बातचीत करते दिखे। इस बातचीत को लेकर जब अजीत से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह फड़णवीस से मौसम के बारे में चर्चा कर रहे थे। दोनों नेता पिछली सरकार गिरने के बाद पहली बार एक साथ दिखे। महाराष्ट्र के सोलापुर में निर्दलीय विधायक संजय शिंदे की बेटी की शादी में दोनों एक साथ मौजूद रहे। यहां दोनों नेता करीब 20 मिनट तक एक-दूसरे से बात करते रहे।
पवार ने कहा- राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता सोमवार को बारामती में फड़णवीस के साथ मुलाकात को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में अजीत पवार ने कहा कि हम साथ बैठे थे, इसका यह मतलब नहीं है कि हमारे बीच में कुछ पक रहा है। हमने मौसम और बारिश को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि शादी में हमारे बैठने के लिए कुर्सियां अगल-बगल में ही डाली गई थीं। उन्होंने कहा कि राजनीति में कोई स्थायी दुश्मन नहीं होता। इससे पहले बीते सप्ताह फड़नवीस ने एक टीवी चैनल से बातचीत में दावा किया था कि सरकार बनाने के लिए अजीत ने ही उनसे संपर्क किया था।
भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना ने राकांपा, कांग्रेस से मिलाया हाथ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सोमवार को कहा कि शिवसेना का राकांपा और कांग्रेस से गठबंधन एक पूर्व नियोजित कदम था और भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए ऐसा किया गया। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद शिवसेना के व्यवहार के बारे में सोचने पर मुझे लगा कि राकांपा और कांग्रेस के साथ उसका गठबंधन पूर्व नियोजित था और उसने हमें सत्ता से बाहर करने का मन पहले ही बना लिया था।
फड़णवीस ने शरद पवार पर लगाया जाति का कार्ड खेलने का आरोप उन्होंने राकांपा अध्यक्ष शरद पवार पर अपने खिलाफ जाति का कार्ड खेलने का आरोप लगाया और कहा कि परोक्ष रूप से अक्सर वे इसका इशारा करते रहते थे। जाति कुछ नेताओं के लिए मुद्दा हो सकती है, लेकिन जनता के लिए नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव में कुछ मंत्रियों और नेताओं का टिकट काटने का फैसला संसदीय बोर्ड का था। राज्य इकाई की इसमें कोई भूमिका नहीं थी।