दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब अपने नाम करने वाली’स्टैचू ऑफ यूनिटी’ से यह खिताब अगले तीन सालों के दौरान छिन सकता है
नई दिल्ली। 31 अक्टूबर, 2018 का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है क्योंकि गुजरात में बनी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा सरदार वल्लभ भाई पटेल की ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ का अनावरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। दरअसल, यह प्रतिमा 182 मीटर ऊंची है। इससे पहले दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन में 128 मीटर थी। वहीं, 182 मीटर ऊंची दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब अपने नाम करने वाली ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ से यह खिताब अगले तीन सालों के दौरान छिन सकता है। दरअसल, महाराष्ट्र के मुंबई में अरब सागर में बन रहा शिवाजी स्मारक 190 मीटर होगा। जाहिर है यह ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ से 8 मीटर ज्यादा है। तय योजना के हिसाब से यह 2021 तक बनकर तैयार हो जाएगा। ऐसे में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ के पास तीन साल तक ही रहने की सभावना है। हालांकि, तसल्ली इस बात की है कि दुनिया की पहली व दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा का खिताब भारत के पास ही रहेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनवाए जा रहे छत्रपति शिवाजी मेमोरियल (शिवा स्मारक) पर तकरीबन 3800 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है, जबकि ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ पर तकरीबन 3000 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। शिवा स्मारक समिति के अध्यक्ष विनायक मेटे के मुताबिक, मुंबई में बनने वाला 190 मीटर ऊंचे शिवा जी के स्मारक में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी। उन्होंने कहा कि आधार को मिलाने पर ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की ऊंचाई अधिक रहेगी। जहां सरदार पचेल की प्रतिमा सीधी खड़ी है, वहीं शिवा स्मारक में घोड़े व तलवार की ऊंचाई भी सम्मिलित है। बताया जा रहा है कि शिवा स्मारक में प्रतिमा के अलावा संग्रहालय, थिएटर और अस्पताल का निर्माण भी प्रस्तावित है। यहां पर बता दें कि इसी साल मई महीने में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने खुद कहा था कि मुंबई तट पर बनने वाली छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की ऊंचाई दो मीटर बढ़ा दी गई है, ताकि पूरा होने पर वह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा हो। सीएम के मुताबिक, चीन में स्प्रिंग टेंपल बुद्धा 208 मीटर ऊंचा रखने का प्रस्ताव था और हमारा स्मारक 210 मीटर ऊंचा होना था, लेकिन चीनी अधिकारियों ने प्रतिमा की बुनियाद पर कुछ काम किया और ऊंचाई कम की गई।