Uttarakhand
दून वैली महानगर उधोग व्यापार मंडल ने लॉकडाउन के चलते छोटे मझोले व्यापारियों को हुए नुकसान हेतु आर्थिक सहायता की मांग की
देहरादून। दून वैली महानगर उधोग व्यापार मंडल देहरादून ने लॉकडाउन के चलते छोटे मझोले व्यापारियों को हुए नुकसान हेतु आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत से मांग की आप द्वारा जो लाँकडाउन की घोषणा की गई और सभी से ऑफिस, दुकान, कारखाने बन्द रखने का आग्रह किया गया ओर इसके बाद भी अभी कोरोना वायरस की महामारी के चलते जिस प्रकार से कोरोना संक्रमित के आँकड़े दिन पे दिन उत्तराखंड प्रदेश में बढ़ते जा रहे है इन हालातों को देखकर ऐसा महसूस हो रहा है की यह लाँकडाउन इतनी जल्दी नहीं समाप्त होगा।
माननीय मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत जी आपने उत्तराखंड वासियों के मन में आपने एक जगह बनाई है उत्तराखंडवासियों के मन में आपने एक विश्वास की डोर जगाई है इसे आप टूटने मत दीजियेगा।
माननीय मुख्यमंत्री तीरथसिंह रावत जी कृपया इस पत्र को संज्ञान मे लेते हुए हम छोटे मंझोले व्यापारियों के बारे मे भी ध्यान दीजिये व्यापारी तो इस अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं अगर यह रीढ़ ही मजबूत नहीं रहेगी तो अर्थव्यवस्था कैसे मजबूत रहेगी कृपया करके अब इस वक़्त व्यापारियों को मजबूत कर उनके हितो को ध्यान मे रखते हुए कुछ मजबूत निर्णय ले ताकि इस आपदा की घडी मे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सके।
लेकिन माननीय मुख्यमंत्री जी हम छोटे व्यापारी, बड़े व्यापारी और मिडिल क्लास वालो की क्या गलती है जिनको इस कोरोना की महामारी के लाँकडाउन में किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता। क्या गलती है हमारी की हम पूरा दिन मेहनत करके अपना व्यवसाय चलाते हैं और व्यापार से जो पैसा कमाते हैं उससे:-
(1) घर का खच॔
(2) बच्चों की स्कूल फीस
(3) बच्चों की ट्यूशन फीस
(4) घर ओर दुकान का लाइट बिल
(5) दुकान के कम॔चारीयों का वेतन
(6) जी एस टी का खच॔
(7) मुनीम की फीस
(8) बैंक का ब्याज
(9) मकान या दुकान की EMI किश्त
(10) दुकान या मकान का किराया
(11) दुकान ओर मकान की प्राँपर्टी ओर पानी की टेक्स
(12) बच्चों की स्कूल वेन की फीस
(13)गाड़ी के लाइसेंस ओर इंश्योरेंस का खच॔
(14) परिवार के इंश्योरेंस का खच॔
(15) बच्चों के स्कूल की काँपी ओर किताब का खच॔
(16)ओर अन्य फुटकर खच॔
जबसे आँनलाइन बिजनेस चालू हुआ है तबसे व्यापारीयों की जेसे कमर ही टूट गई हो इसके बाद भी व्यापार मे मन्दा हो या तेज हो व्यापारीयों को खच॔ चालू है इसके बाद भी व्यापारी और मिडिल क्लास वालो के लिए सरकार की तरफ से कोई भी लाभ नहीं मिलता ऐसा क्यों हम क्या इंसान नहीं है ।
माननीय मुख्यमंत्री जी इस कोरोना की महामारी के चलते लाँकडाउन में सबसे ज्यादा व्यापारियों ओर मिडिल क्लास वालो को फक॔ पड़ा है क्योंकि हमारे तो सभी खच॔ चालू है लाँकडाउन के चलते सभी के व्यापार ठप्प हो गये हैं बैंक से जिन्होंने भी लोन या कज॔ लिया है लाँकडाउन के चलते उनकी सिर्फ कुछ कि किश्तों को आगे बढ़ा रहे हैं लेकिन ब्याज माफ नहीं कर रहे हैं ओर लाँकडाउन के चलते जब तक किश्त बढेगी तब तक बैंक ब्याज के उपर ब्याज वसूलेगी। अब सवाल ये उठता है कि व्यापारी और मिडिल क्लास वालो का गुजारा कैसे होगा क्योंकि दुकान खुली हो या बन्द हो उनके तो सभी खच॔ चालू है ।
माननीय मुख्यमंत्री जी से हम सभी व्यापारी और मिडिल क्लास वाले अपील करते हैं की
• जो हमारे उपर बैंक का ब्याज,
• बच्चों की स्कूल फीस,
• घर ओर दुकान का लाइट बिल,
• प्राँपर्टी ओर पानी की टेक्स,
• GST खच॔
ये सभी खच॔ 12- महीने के लिए माफ किये जायें ।
उससे अधिक समय तक भी घर में रहकर सहयोग करने में भी कोई आपत्ति नहीं, यदि सरकार यह बोझ हटा दे। सरकार समझौता करें हम आपके आभारी रहेंगे ।
कोरोना काल मे सबसे अधिक व्यापारी प्रभावित हुआ हैं और समय समय पर व्यापारियों द्वारा सरकार को हर तरह का सहयोग दिया गया अब वक़्त आ गया हैं सरकार को भी व्यापारियों का भी सहयोग करना चाहिए हमे आपस पर अत्यधिक विश्वास हैं कि व्यापारियों की इस परीस्थिति हमारे प्रदेश की सरकार सहयोग देगी।
जिस प्रकार आप किसानों को अकाल में ब्याज से मुक्ति देते हैं, यह समय हम व्यापारियों के लिए भी अकाल ही है।
व्यापारी सदैव आपका आभारी रहेगा ।
इस अवसर पर वर्चुअल बैठक के माध्यम से संरक्षक सुशील अग्रवाल, महासचिव पंकज दिदान, उपाध्यक्ष शेखर फुलारा, हरीश विरमानी, राजीव सच्चर, बलदेव पराशर, युवा अध्यक्ष मनन आनंद, युवा उपाध्यक्ष मनीष मोनी, युवा सहसचिव दिव्य सेठी, युवा महासचिव मोहित मेहता, युवा कोषाध्यक्ष नितेश मल्होत्रा, अमरदीप अध्यक्ष पटेल नगर, हेम रस्तोगी अध्यक्ष कारगी, पुनीत सहगल अध्यक्ष प्रेम नगर जसपाल छाबड़ा, विनय नागपाल, महेश महेन्द्रू, सुरेश गुप्ता, सचिन डोरा, हरजीत सिंह, सनी कुमार, गोपाल कपूर, विनीत मिश्रा, रोहित बहल, शैलेश चांदना, राजेश गोयल, हरमीत जैसवाल आदि पदाधिकारी गण मौजुद रहे ।