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सफाई कर्मचारियों को दी जाने वाली सुविधाओं को लागू करने में लापरवाही न बरतेः आयोग अध्यक्ष 

देहरादून। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत की अध्यक्षता में बीजापुर गेस्ट हाउस में जनपद स्तर के विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ सफाई कर्मचारियों के हितों से जुड़े प्रावधानों के अनुपालन के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपाध्यक्ष ने पुलिस विभाग, नगर निगम, पंचायतीराज, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाग, मण्डी सचिव और नगर पालिका परिषदों के अधिकारियों से सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति, उपस्थिति, नियमितीकरण, पदोन्नति तथा उनके वेतन, बीमा, सुरक्षित कार्य प्रकृति सहित मानक के अनुसार उनको दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं के इम्प्लिमेन्टेशन इत्यादि का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि सफाई कर्मचारियों को मानक के अुनरूप दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं में किसी भी तरह की लापरवाही ना बरती जाय।
उन्होंने प्रत्येक विभाग से मानक के अनुरूप निर्धारित प्रावधानों और धरातल पर वास्तविक रूप से उसका अनुपालन की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि जो विभाग अथवा कर्मचारी सफाई कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा तय किये गये प्रावधानों को ठीक तरह से लागू नहीं करते उनकी जिम्मेदारी तय की जायेगी। उन्होंने निर्देश दिये कि सफाई कर्मचारियों को किसी भी तरह के सफाई कार्य करवाते समय उनको सभी प्रकार के सुरक्षा उपकरण प्रदान किये जाएं। अस्थायी तरीके से काम कर रहे सफाई कर्मचारियों के नियमितिकरण हेतु सभी विभाग शासन को प्रस्ताव प्रेषित करें। वेतन अनिवार्य रूप से सीधे खाते में निर्गत करें तथा खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में हो साथ ही सभी तरह की राष्ट्रीय पेंशन व बीमा स्कीम में सम्बन्धित कर्मचारी कवर हो।  सफाई कर्मचारियों हेतु ईपीएफ और ईएसआई इत्यादि के सभी प्रावधान व सुविधाएं लागू की जाय। स्थायी-अस्थायी किसी भी रूप में तैनात सफाई कर्मचारी के कार्य करने की तर्कसंगत अवधि तय की जाय, उनका नियमानुसार निर्धारित पूरा वेतन दिया जाय, नये ठेकेदार अथवा कंपनी को हायर करने की स्थिति में पूर्व में कार्यरत् सफाई कर्मचारियों को ही पहले काम पर लिया जाय और उनको बरकरार रखा जाय। साथ ही किसी ठेकेदार अथवा एम.ओ.यू साइन करने वाली कम्पनी के साथ पहले से ही ये प्रावधान रखा जाय कि किसी भी कर्मचारी की यदि कार्य अवधि में किसी कारण मृत्यु हो जाती है तो उनके आश्रितों  को नौकरी अथवा निश्चित मुआवजा दिया जाय।
उपाध्यक्ष ने नगर निगम को निर्देशित किया शहरी एवं आवास विभाग के साथ किसी एक ही स्थान पर 40-50 सफाई कर्मचारी के निवासरत सफाई कर्मचारी परिवारों को  भी माॅर्डन बस्ती के रूप में विकिसित किया जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विभाग के उच्च अधिकारी ये सुनिश्चित करें और समय-समय पर औचक निरीक्षण करें कि किसी भी परिस्थिति में कहीं पर भी सफाई कार्मिकों का शोषण नहीं होना चाहिए। उन्होंने सभी कार्मिकों का अनिवार्य रूप से कोविड-19 टीकाकरण करवाने तथा नगर निगम के सफाई नाला गैंग नाम को निगम पर्यावरण मित्र नाम से सम्बोधित करने और पदोन्नति के मानक में विज्ञान अनिवार्यता इत्यादि में संशोधन करने को कहा, जिससे सफाई कार्मिक पद्दोन्नति का लाभ सकें। इस दौरान बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  सफाई कर्मचारी आयोग बबन रावत, मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व गिरीश चन्द्र गुणवंत, अपर मुख्य नगर अधिकारी नगर निगम मोहन सिंह बर्निया, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ मनोज उप्रेती, पुलिस अधीक्षक श्री आर्य, जिला समाज कल्याण अधिकारी हेमलता पाण्डेय, प्रदेश अध्यक्ष महादलित परिसंघ राजेश बादल, कुंवर आयुष्मान, सुमित रावत सहित सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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