Uttarakhand
दिव्य ज्योति संस्थान में धूमधाम से मनाया गयी शरद पूर्णिमा
देहरादून। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान देहरादून ने शरद पूर्णिमा पर आयुर्वेदिक शिविर का आयोजन कर श्वांस संबंधित रोगियों को औषधियुक्त खीर का वितरण किया। शरद पूर्णिमा के अवसर पर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा अपने सम्पूर्ण स्वास्थ्य प्रकल्प- आरोग्य के अंतर्गत श्वांस से संबंधित रोगियों के लिए विशेष ‘वार्षिक शरद पूर्णिमा आयुर्वेदिक उपचार शिविर’ का आयोजन देहरादून आश्रम, निरंजनपुर, उत्तराखण्ड में 13 अक्टूबर 2019, रविवार रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक किया गया। इस शिविर में दमा, पुरानी खासी, नजला व श्वांस से संबंधित अन्य रोगों के इलाज हेतु प्राचीन भारतीय आयुर्वेदिक पद्धति द्वारा निर्मित औषधियुक्त खीर रोगियों को वितरित की गयी। संस्थान लगभग दो दशकों से प्रत्येक वर्ष इस विशेष शिविर का आयोजन कर हजारों लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचा रहा है।
प्राचीन आयुर्वेदिक विज्ञान के अनुसार अश्विन मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन चंद्रमा पृथ्वी के सर्वाधिक नजदीक होता है और इसकी किरणों का प्रभाव चांदनी में मिट्टी या चांदी के वर्तन में पकाई एवं रखी गई खीर का सेवन किया जाता है। यह खीर सर्दियों की शुरूआत के साथ बढ़ने वाले पित रोग के प्रभाव को शांत करती है। शिविर में उपस्थित लोगों को आयुर्वेदिक चिकित्सक ने जागरूक करते हुए बताया कि शरद पूर्णिमा की रात आयुर्वेदिक साथ ही संस्थान के प्रतिष्ठित प्रचारकों ने इस संबंधित रोग हमेशा के लिए दूर हो जाते हैं दिन के महान आध्यात्मिक महत्व से अवगत कराया और इसलिए संस्थान प्रतिवर्ष इस त्यौहार के आयोजन करता है इस वर्ष भी शिविर में बड़ी संख्या में पुरूषों, महिलाओं, बच्चों और नियमित रूप से आने वाले लाभार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरूआत सामूहिक प्रार्थना और भजन के साथ की गई। रात भर जागने की व्यवस्था हेतु सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। साथ-साथ ही मरीजों को आयुर्वेदिक दवाओं के समग्र लाभ पर भी जागरूक किया गया।