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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने की रंगोत्सव की वर्चुअल प्रस्तुति

देहरादून। होली के पावन अवसर पर, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा संस्थान के यूट्यूब चैनल के माध्यम से एक भव्य, विलक्षण व आध्यात्मिक कार्यक्रम ‘रंगोत्सव होली त्यौहार का मत्स्य अवतार’ का वेबकास्ट किया गया। इस कार्यक्रम द्वारा विश्व के अनेक देशों से हजारों शिष्यों और भक्तों ने आनंद, भक्ति व गुरु प्रेम के दिव्य रंगों में गोता लगाया।
गुरुदेव आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) की कृपा द्वारा डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने ‘होली के मत्स्य अवतार’ के वास्तविक अर्थ को समझाया और होली उत्सव के विविध पहलुओं को सरस रूप से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में दिव्य गुरु आशुतोष महाराज के साथ मनाई होली कार्यक्रमों की कई झलकियां दिखायी गईं। भक्त कलाकारों ने होली त्यौहार से सम्बंधित विभिन्न परंपराओं और रीतियों की प्रासंगिकता को नृत्य द्वारा प्रस्तुत किया।
गुरुदेव आशुतोष महाराज के प्रचारक शिष्यों ने ‘होलिका दहन’ परम्परा की सामाजिक व आध्यात्मिक प्रासंगिकता को गहनता से समझाया। बतोया कि किस प्रकार भक्त प्रह्लाद ने विकट परिस्थितियों में भी भगवान विष्णु पर कभी विश्वास नहीं खोया। गुरुदेव आशुतोष महाराज के मार्गदर्शन में बनाई गई भक्त प्रह्लाद के जीवन पर आधारित नृत्य नाटिका के कुछ दृश्यों को दिखा कर गूढ़, मार्मिक संदेश दिए। साथ ही डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने हर्बल रंगों के महत्त्व पर प्रकाश डाला। बताया कि किस प्रकार ये रंग त्वचा के लिए सुरक्षित और साथ ही साथ इको-फ्रेंडली होते है। हर्बल रंग पारंपरिक रूप से टेसू इत्यादि फूलों व अन्य औषधीय जड़ी बूटियों से बनाए जाते हैं। प्रचारक शिष्यों ने यह भी बताया कि संस्थान में मनाए जाने वाले होली कार्यक्रमों में गुरुदेव आशुतोष महाराज के मार्गदर्शन में बने इन्हीं हर्बल रंगों का प्रयोग होता रहा है। संक्षेप में, रंगोत्सव 2022 ने आध्यात्मिक, दिव्य व भक्ति रंगों की छटा बिखेर असंख्य भक्त श्रद्धालुओं को होली की वास्तविकता व दिव्य आनंद में भिगो दिया।

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