पंचायत के दायित्वों एवं कर्तव्यों के क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं के निदान को डैस्क प्रणाली तैयार की गई
देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायतीराज निदेशालय में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत स्मार्ट और इको फ्रेंडली ई-आफिस के रूप में नवीनीकृत निदेशालय पंचायतीराज के भवन और राज्य पंचायत संसाधन केंद्र के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री तीरथ ने वचुअर्ल रूप से 662 कॉमन सर्विस सेन्टर जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय जिला पंचायत कार्यालय खण्ड विकास कार्यालयपंचायती राज, महिला सशक्तिकरण व ग्राम्य विकास के फील्ड स्टाफ तथा त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि पंचायतों को बदलते जमाने के अनुरूप बनाने के लिए उन्हें सूचना व संचार तकनीक से जोड़ा जाना अत्यन्त आवश्यक है। इसी के क्रम में आज राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत निदेशालय पंचायतीराज के भवन को स्मार्ट और इको फ्रेंडली ई-आफिस के रूप में नवीनीकृत किया गया है। साथ ही राज्य पंचायत संसाधन केंद्र के नवनिर्मित भवन का भी लोकार्पण किया गया है।
उन्होंने कहा कि पंचायत के दायित्वों एवं कर्तव्यों के क्रियान्वयन में होने वाली समस्याओं के निदान हेतु डैस्क प्रणाली तैयार की गई है। इसके लिए टोल फ्री न0 18004190444 जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत गांवों में बसता है। देश तभी समृद्ध होगा जब हमारे गांव समृद्ध होंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने गांधी जी के ग्राम स्वराज की दिशा में उल्लेखनीय काम किए हैं और निरन्तर करते जा रहे हैं। 24 अप्रैल 2018 को राष्ट्रीय पंचायत राज दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान की शुरूआत की गई। इसका उद्देश्य पंचायतों और ग्राम सभाओं की क्षमतावृद्धि कर उन्हें मजबूत करना और उनमें जनसहभागिता सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले लगभग तीन वर्षों में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत पंचायतों को मजबूत करने के लिए काफी काम किया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण द्वारा उनकी क्षमताओं में वृद्धि की गई है। ग्राम पंचायतों में बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का एक और बड़ा काम है जिसका परिणाम आने वाले समय में देखने को मिलेगा। देश के लाखों गांवों में स्वामित्व योजना शुरू की गई है। इसे युगांतरकारी योजना कहा जा सकता है। इसमें ड्रोन का उपयोग कर लोगों की भूमि सम्पत्ति का वैरीफिकेशन किया जाता है। इससे गांवों में सही भूमि अभिलेख तैयार करने में मदद मिलेगी। विवादों में कमी आएगी। वैध रिकार्ड उपलब्ध होने से ग्रामीण अपनी सम्पत्ति पर ऋण भी ले सकेंगे। मोदी सरकार के कार्यकाल में ही पंचायतों को ऑप्टिअकल फाईबर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है। इससे हमारी पंचायतें तकनीकी रूप से दक्ष बन रही हैं और ई-पंचायत की परिकल्पना साकार हो रही हैं। इससे डिजीटल भारत में पंचायतों की भूमिका भी सुनिश्चित हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया है। भारत आत्मनिर्भर तभी होगा जबकि हमारे गांव आत्मनिर्भर बनें। इसके लिए हम काम भी कर रहे हैं। स्थानीय उत्पादों के माध्यम से गांव समृद्धि के केंद्र बन सकते हैं। इसके लिए वोकल फॉर लोकल बहुत जरूरी है। मुख्यमंत्री तीरथ ने कहा कि पूरा विश्व कोरोना से जूझ रहा है, पिछले वर्ष हमने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक कोरोना से लड़ाई लड़ी। इसमें हमारे पंचायत प्रतिनिधियों, आशा कार्यकत्रियों, आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और ग्राम स्तर पर काम कर रहे हमारे लोगों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही। अब जब कोरोना दुबारा से फैल रहा है तो हमें फिर से उसी जज्बे से काम करना है और इसमें हमारी पंचायत राज संस्थाओं को सक्रिय भूमिका निभानी है। इस अवसर पर विधायक रायपुर उमेश शर्मा ‘‘काऊ‘‘, सचिव पंचायती राज एच0सी0सेमवाल सहित पंचायती राज के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।