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दिन वार के अनुसार तिलक के पौराणिक और मनोवैज्ञानिक महत्व व मान्यताएं:-डाॅ.रवि नंदन मिश्र
हिन्दू परंपराओं में सिर, मस्तक, गले, हृदय, दोनों बाजू, नाभि, पीठ, दोनों बगल आदि मिलाकर शरीर के कुल 12 स्थानों पर तिलक लगाने का विधान है। माथे के ठीक बीच के हिस्से को ललाट बिंदु कहते हैं, यह भौहों का भी मध्य भाग है। तिलक हमेशा इसी स्थान पर धारण किया जाना चाहिए। ऐसा करना बहुत लाभदायक है क्योंकि सिंदूर उष्ण होता है। पूजा के समय तिलक लगाने का विशेष महत्व है और भगवान को स्नान करवाने के बाद उन्हें चन्दन का तिलक किया जाता है।पूजन करने वाला भी अपने मस्तक पर चंदन का तिलक लगाता है। यह सुगंधित होता है तथा इसका गुण शीतलता देने वाला होता है।
तिलक को मस्तिष्क के बीच में इसीलिए लगाया जाता है क्योंकि हमारे मस्तिष्क के बीच में आज्ञाचक्र होता है ।जिसे गुरुचक्र भी कहते हैं ।ये जगह मानव शरीर का केंद्र स्थान है । इसे से एकाग्रता और ज्ञान की परिपूर्णता हैं। *तिलक किसी खास प्रयोजन के लिए भी महत्वपूर्ण होता है ,जैसे की मोक्ष पाने के लिए कनिष्ठा शत्रुनास के लिए तर्जनी मध्यमा से धन प्राप्ति होती है। शांति प्राप्ति के लिए अनामिका से तिलक लगाया जाता है। अनामिका द्वारा केवल चंदन से ही तिलक लगाया जाता है चावल संग तिलक लगाने से लक्ष्मी जी आकर्षित होती है तथा मन में शान्ति मिलती है।*
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सूने मस्तस्क को शुभ नही माना जाता माथे पर रोली कुम्कुम चंदन या भस्म का तिलक जरूर लगाना चाहिए। तिलक हिन्दू संस्कृृति की पहचान है तिलक लगाने की धार्मिक मान्यता ही नही बल्कि वैज्ञानिक कारण भी है। सनातन धर्म में जितने ही संत है उतने ही मत है जितने ही सम्प्रदाय है उतने ही पंथ है इन सबके अपने अपने अलग-अलग तरीको के तिलक होते है। अष्टगंध से बने तिलक को तंत्र शास्त्री शुभ मानते हैं।
लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है। *दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है।*
*तिलक चार प्रकार के होते हैं-*
1- कुमकुम
2- केशर
3- चंदन
4- भस्म
1.कुमकुम हल्दी चुना मिलकर बना होता है जो हमारे आज्ञा चक्र की शुद्धि करते हुए उसे केल्शियम देते हुए ज्ञान चक्र को प्रज्व्व्लित करता है ।
2.केशर जिसका मस्तिष्क ठंडा/ शीतल होता है उसको केसर का तिलक प्रज्ज्वलित करता है
3.चंदन दिमाग को शीतलता प्रदान करते हुए मानसिक शान्ति भी देता है
4.भस्मी वैराग्य की अग्रसर करते हुए मस्तष्क के रोम कूपों के विषाणुओं को भी नष्ट करता है।
*किस दिन किस भगवान का तिलक लगाएं इस तरह तिलक लगाने से अदभुत चमत्कार होते हैं*
जो भी व्यक्ति बिना तिलक लगाए भोर या संध्या का हवन करता है उसे इसका फल नहीं प्राप्त होता।
ज्योतिष के अनुसार यदि तिलक धारण किया जाता है तो सभी पाप नष्ट हो जाते है सनातन धर्म में शैव, शाक्त, वैष्णव और अन्य मतों के अलग-अलग तिलक होते हैं। चंदन का तिलक लगाने से पापों का नाश होता है, व्यक्ति संकटों से बचता है, उस पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है, ज्ञानतंतु संयमित व सक्रिय रहते हैं। यदि वार अनुसार तिलक धारण किया जाए तो उक्त वार से संबंधित ग्रहों को शुभ फल देने वाला बनाया जा सकता है।
*1.सोमवार :* सोमवार का दिन भगवान शंकर का दिन होता है तथा इस वार का स्वामी ग्रह चंद्रमा हैं।चंद्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है। मन को काबू में रखकर मस्तिष्क को शीतल और शांत बनाए रखने के लिए आप सफेद चंदन का तिलक लगाएं। इस दिन विभूति या भस्म भी लगा सकते हैं।
*2.मंगलवार :* मंगलवार को हनुमानजी का दिन माना गया है। इस दिन का स्वामी ग्रह मंगल है।मंगल लाल रंग का प्रतिनिधित्व करता है। इस दिन लाल चंदन या चमेली के तेल में घुला हुआ सिंदूर का तिलक लगाने से ऊर्जा और कार्यक्षमता में विकास होता है। इससे मन की उदासी और निराशा हट जाती है और दिन शुभ बनता है।
*3.बुधवार :* बुधवार को जहां मां दुर्गा का दिन माना गया है वहीं यह भगवान गणेश का दिन भी है।इस दिन का ग्रह स्वामी है बुध ग्रह। इस दिन सूखे सिंदूर (जिसमें कोई तेल न मिला हो) का तिलक लगाना चाहिए। इस तिलक से बौद्धिक क्षमता तेज होती है और दिन शुभ रहता है।
*4.गुरुवार :* गुरुवार को बृहस्पतिवार भी कहा जाता है। बृहस्पति ऋषि देवताओं के गुरु हैं। इस दिन के खास देवता हैं ब्रह्मा। इस दिन का स्वामी ग्रह है बृहस्पति ग्रह।गुरु को पीला या सफेद मिश्रित पीला रंग प्रिय है। इस दिन सफेद चन्दन की लकड़ी को पत्थर पर घिसकर उसमें केसर मिलाकर लेप को माथे पर लगाना चाहिए या टीका लगाना चाहिए। हल्दी या गोरोचन का तिलक भी लगा सकते हैं। इससे मन में पवित्र और सकारात्मक विचार तथा अच्छे भावों का उद्भव होगा जिससे दिन भी शुभ रहेगा और आर्थिक परेशानी का हल भी निकलेगा।
*5.शुक्रवार :* शुक्रवार का दिन भगवान विष्णु की पत्नी लक्ष्मीजी का रहता है। इस दिन का ग्रह स्वामी शुक्र ग्रह है।हालांकि इस ग्रह को दैत्यराज भी कहा जाता है। दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य थे। इस दिन लाल चंदन लगाने से जहां तनाव दूर रहता है वहीं इससे भौतिक सुख-सुविधाओं में भी वृद्धि होती है। इस दिन सिंदूर भी लगा सकते हैं।
*6.शनिवार :* शनिवार को भैरव, शनि और यमराज का दिन माना जाता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है शनि ग्रह।शनिवार के दिन विभूत, भस्म या लाल चंदन लगाना चाहिए जिससे भैरव महाराज प्रसन्न रहते हैं और किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होने देते। दिन शुभ रहता है।
*7.रविवार :* रविवार का दिन भगवान विष्णु और सूर्य का दिन रहता है। इस दिन के ग्रह स्वामी है सूर्य ग्रह जो ग्रहों के राजा हैं।इस दिन लाल चंदन या हरि चंदन लगाएं। भगवान विष्णु की कृपा रहने से जहां मान-सम्मान बढ़ता है वहीं निर्भयता आती है।
*तिलक लगाने का मंत्र !!*
केशवानन्न्त गोविन्द बाराह पुरुषोत्तम ।
पुण्यं यशस्यमायुष्यं तिलकं मे प्रसीदतु ।।
कान्ति लक्ष्मीं धृतिं सौख्यं सौभाग्यमतुलं बलम् ।
ददातु चन्दनं नित्यं सततं धारयाम्यहम् ।।
*किसी के माथे पर तिलक लगा देखकर मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि आखिर टीका लगाने से फायदा क्या है?* टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिफक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है।
आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है। अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है। पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है। कहा गया है कि ऐसी स्थिति में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए।
*तिलक लगाने का लाभ*
तिलक करने से व्यक्ति त्व प्रभावशाली हो जाता है। दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्तिञ के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है। ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है। लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है। दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है। इससे सिरदर्द की समस्या में कमी आती है। हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है। हल्दी में एंटी बैक्ट्रिवयल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है.। लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है। माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले का घर अन्न-धन से भरा रहता है और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है।
*माथे पर तिलक लगाने से खुलता है भाग्य, होते हैं ये 5 फायदे,*
1. तिलक लगाने के पीछे आध्यात्मिक महत्व है मनोविज्ञान की दृष्टि से भी तिलक लगाना उपयोगी माना गया है. माथा चेहरे का केंद्रीय भाग होता है इसलिए मध्य में तिलक लगाया जाता है. तिलक लगाने से मन को शांति मिलती है. माथे पर तिलक लगाने के पीछे मनोवैज्ञानिक कराण यह है कि, इससे व्यक्ति के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है।
2. मानसिक बीमारियों से बचाता है माथे के बीच पर जब भी आप तिलक लगाते हैंं उससे लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से भी हमें बचाता है. साथ ही तिलक लगाने से मानसिक उत्तेजना पर भी आप काफी हद तक नियंत्रण कर सकते हैं।
3. सिरदर्द की समस्या में कमी आती है अगर आप हर दिन चंदन का तिलक अपने माथे पर लगाते हैं तो दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जगता है. यह उत्साह मनुष्य को अच्छे कामों में लगाता है. साथ ही इससे तनाव कम होता है और सिरदर्द की समस्या में कमी आती है।
4. पापों का नाश होता है धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रह शांत रहते हैंं. अगर आप हल्दी से तिलक करते हैं तो आपकी त्वचा शुद्ध होगी क्योंकि हल्दी में एंटी बैक्ट्रियल तत्व होते हैं जो रोगों से मुक्त करता है।
5. घर में सुख-शांति रहती है. माना जाता है कि चंदन का तिलक लगाने वाले घर में अन्न-धन पर्याप्त मात्रा में रहते हैंं और सौभाग्य में बढ़ोतरी होती है. साथ ही इससे शांति भी मिलती है. वैसे लोग तिलक को विजय के रूप में भी देखते हैं।
*डाॅ.रवि नंदन मिश्र*
*असी.प्रोफेसर (वाणिज्य विभाग) एवं कार्यक्रम अधिकारी*
*राष्ट्रीय सेवा योजना*
( *पं.रा.प्र.चौ.पी.जी.काॅलेज,वा राणसी*) *सदस्य- 1.अखिल भारतीय ब्राम्हण एकता परिषद, वाराणसी,*
*2. भास्कर समिति,भोजपुर ,आरा*
*3.अखंड शाकद्वीपीय*
*4.चाणक्य राजनीति मंच ,वाराणसी*
*5.शाकद्वीपीय परिवार ,सासाराम*
*6. शाकद्वीपीय ब्राह्मण समाज,जोधपुर*
*7.अखंड शाकद्वीपीय एवं*
*8. उत्तरप्रदेशअध्यक्ष – वीर ब्राह्मण महासंगठन,हरियाणा*