दोहरा मापदंड अपना रही धामी सरकारः जोत सिंह बिष्ट
देहरादून। सोशल मीडिया पर दो पृष्ठ की एक ऐसी सूची कल जारी की गई जिसमें एक आर एस एस के नेता पर यह आरोप लगे कि इन्होंने लोगों को नौकरियां दिलवाई, ठेके दिलवाए। इस पर संघ के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री जी से मिले डीजीपी साहब से मिले और शिकायत दर्ज की कि यह आरोप गलत है। मुख्यमंत्री जी और डीजीपी साहब ने इसको संज्ञान में लेते हुए जिस तरह से एफ आई आर दर्ज करने की बात कही और कार्रवाई करने की बात कही यह बड़ा आश्चर्यजनक है। यह कहना है आम आदमी पार्टी के संगठन समन्वयक जोत सिंह बिष्ट का।
उन्होंने कहा संघ के कार्यकर्ताओं के नाम से अगर कोई सूची जारी होगी तो सूची जारी करने वाले के खिलाफ प्राथिमिकी दर्ज होगी, जांच होगी और अगर किसी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष के नाम से सूची जारी होगी तो उस पर नौकरियां कैसे दी गई इसकी जांच होगी। यह दोहरा मापदंड संघ के दबाव में है या भाजपा अपनी टोपी बचा रही है, यह एक बड़ा सवाल है। सरकार अगर कानून सम्मत तरीके से काम कर रही है तो मुख्यमंत्री जी को और डीजीपी साहब को चाहिए कि वह पूर्व में प्रसारित सूचियों की जिस पद्धति से जांच हो रही है इस सूची की जांच भी उसी पद्धति से करवाएं। तभी इस बात का खुलासा होगा कि वायरल सूची में जो लोग नौकरी लगने दर्शाए गए या ठेके मिलने दर्शाए गए उस को नियमों का पालन करते हुए काम हुआ। अगर जांच में कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाय। केवल आर एस एस के कहने पर आप नियम कानून को ताक पर रखकर कैसे कह सकते हैं कि सूची वायरल करने वाले ने गलत किया और दोषी है।
उन्होंने आगे कहा आर एस एस के पास इस बात की क्या प्रमाणिकता है कि सूची में जो नाम है उनको नौकरी देने में उनके साथी का हाथ है या नहीं है। क्योंकि भाजपा की सरकार बनने पर जिस तरह से संघ के लोगों को मंत्रियों के साथ मंत्रियों की पहरेदारी के लिए बिठा दिया जाता है तो ऐसे में सत्ता के गलियारों में रहकर के संघ के लोग सत्ता के कार्य में हस्तक्षेप करके नियम कानून का उल्लंघन करके समय-समय पर जिस तरह से गलत कामों को अंजाम दे रहे हैं तो उसकी जांच अगर नहीं होगी तो फिर ईमानदार लोग योग्य लोग और पात्र लोगों के हक पर चोट होती रहेगी। आम आदमी पार्टी सरकार के पुलिस के इस गलत आचरण के खिलाफ संघर्ष करेगी।