देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट से एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार,एयरपोर्ट के जरिए 50 लाख यात्री हवाई सफर का आनंद ले सकेंगे
नई दिल्ली। दिल्ली से बेहद करीब उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की सारी बाधाएं एक-एक कर दूर होती जा रही हैं। लखनऊ में हुई कैबिनेट की बैठक में परियोजना से प्रभावित और विस्थापित परिवारों के पुनर्वासन और पुनर्स्थापन के लिए 894 रुपये मंजूर किए हैं। अब जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 30 मई को ग्लोबल टेंडर जारी किया जाएगा। जानकारों की मानें तो जेवर एयरपोर्ट के जरिए 50 लाख यात्री हवाई सफर का आनंद ले सकेंगे।
जेवर एयरपोर्ट के लिए बिड जारी करने पर सहमति जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट धरातल पर उतरने को तैयार है। इसके साथ गौतमबुद्ध नगर व आसपास के इलाके की तस्वीर बदलने जा रही है। प्रदेश कैबिनेट से मंगलवार को एयरपोर्ट की बिड जारी करने की अनुमति प्रदान कर दी है। पांच हेक्टेयर क्षेत्रफल व आठ रनवे के साथ जेवर एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। हालांकि पहले फेज में दो रनवे का ही निर्माण होगा। 2022-23 से एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं की शुरुआत का लक्ष्य है।
दो रनवे से होगी एयरपोर्ट की शुरुआत जेवर एयरपोर्ट पर आठ रनवे होंगे। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। एयरपोर्ट की शुरुआत दो रनवे से होगी। यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ जेवर एयरपोर्ट पर रनवे की संख्या बढ़ाई जाएगी। शुरुआत में एक करोड़ बीस लाख सालाना यात्री जेवर एयरपोर्ट से हवाई सेवाओं का उपयोग करेंगे। प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के लिए नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड (निआल) का गठन किया है।
दिल्ली एनसीआर को करीब लाएगा जेवर एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट दिल्ली एनसीआर को भी करीब लाएगा। एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी के लिए मेट्रो की डीपीआर तैयार हो चुकी है। 2025 तक एयरपोर्ट मेट्रो दौड़ने लगेगी। ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क दो से एयरपोर्ट तक करीब 35 किमी लंबे मेट्रो ट्रैक का निर्माण होगा। इस पर 5708 करोड़ रुपये खर्च का अनुमान है। एयरपोर्ट टर्मिनल तक मेट्रो रूट पर 25 स्टेशन होंगे। पहले दिन से मेट्रो को 82242 करोड़ यात्री मिलने का अनुमान लगाया गया है। आइजीआइ (इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा) से जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी के लिए प्रदेश सरकार केंद्र को पहले ही प्रस्ताव भेज चुकी है। एलिवेटिड रोड से दोनों एयरपोर्ट को जोड़ने की योजना है। एयरपोर्ट की बिड तैयार करने वाली एजेंसी प्राइस वाटर हाउस कूपर (पीडब्ल्यूसी) के अनुसार पश्चिम उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर समेत उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान से एयरपोर्ट को यात्री मिलेंगे।
छह गांव की जमीन का हो रहा है अधिग्रहण जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए रोही, पारोही, दयानतपुर, किशोरपुर, रन्हेरा, बनबारीवास गांव की 1334 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। इसमें 94 हेक्टेयर जमीन सरकारी होने के कारण इसका पुनर्ग्रहण होने जा रहा है।
एयरपोर्ट एक नजर में
- पहले चरण में रनवे की संख्या दो
- एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण 1334 हेक्टेयर
- किसानों को वितरित होने वाला मुआवजा 2850 करोड़
- एयरपोर्ट से विस्थापित परिवारों की संख्या 3627
- एयरपोर्ट का तैयार हुआ था प्रस्ताव 2007 में
- 2017 में मिली सैद्धांतिक सहमति
- 2022-23 से शुरु होंगी उड़ान
जिलाधिकारी बीएन सिंह ने जेवर ग्रीन फील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट की स्थापना के संबंध में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के पुराने भवन में संचालित एयरपोर्ट कार्यालय में बैठक की। संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया उन्हें जो काम सौंपा गया है उसमें तेजी लाएं। एयरपोर्ट से संबंधित आवश्यक कार्य समय से पहले पूरा किया जाए। एयरपोर्ट स्थापना के संबंध में प्रत्येक मंगलवार को बैठक करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने एयरपोर्ट के लिए किए जा रहे भुगतान तथा अन्य कार्यों की गहनता के साथ समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि किसानों को उनकी भूमि का प्रतिकर उपलब्ध कराने के लिए उन्हें विभिन्न दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ रही है। जिसमें मालिकाना हक, स्वामित्व प्रमाण पत्र, हिस्सा प्रमाण पत्र, नोड्यूज प्रमाण पत्र, आइडी एवं बैनामों की फोटो स्टेट, 12 साला आदि। आदेश दिया कि इन कार्यों को पूरा करने के लिए कार्यालयों के कर्मचारी सचेत हो जाएं।