दिल्ली- एनसीआर समेत उत्तर भारत में मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे भूकंप के झटके किए गए महसूस
नई दिल्ली । दिल्ली- एनसीआर समेत उत्तर भारत में मंगलवार शाम करीब 7:30 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली-एनसीआर के अलावा लखनऊ, नोएडा, गुरुग्राम, चंडीगढ़ समेत उत्तर भारत के अन्य कई शहरों में भी झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप का केंद्र भारत-नेपाल सीमा पर था। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई। भूकंप की जानककारी देने वाली अमेरिकी संस्था USGS के अनुसार भूकंप का केंद्र नेपाल के खपताड़ नेशनल पार्क के पास था और इसकी गहराई धरती से 1.3 किलोमीटर नीचे थी। यह हिमालय के नजदीक ही बसा है, जहां आमतौर पर कम तीव्रता वाले भूकंप आते रहते हैं।
वहीं सोमवार को गुजरात के कुछ जिलों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप की रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई। इसका भूकंप का केंद्र भचाऊ के पास था। हालांकि इस भूकंप में किसी के हताहत होने की खबर सामने नहीं आई थी। इससे पहले पाकिस्तान के पीओके में बड़ा भूकंप आया था, जिसमें 27 लोगों की मौत हो गई थी और काफी संख्या में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई थीं और लोगों के घर टूट गए थे। 2015 में नेपाल में आए भूकंप की वजह से भारी तबाही हुई थी। इस भूकंप के कारण आठ हजार लोगों की मौत हो गई थी। नेपाल को इस भूकंप में लोगों के घरों, मंदिरों को काफी क्षति हुई थी। फिलहाल किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। उत्तर प्रदेश के इलाकों में भूकंप की तीव्रता अधिक महसूस की गई। उत्तराखंड को भी भूकंप के झटकों ने हिला दिया। भूकंप का झटका महसूस होने के बाद लोगों में दहशत फैल गई। लोग अपने घरों से बाहर निकल गए। यहां तक कि घरों में रखे सामान भी हिलने लगे।
दिल्ली एनसीआर में आया बड़ा भूकंप तो होगा बड़ा नुकसान
हिमालय के करीब होने की वजह से दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र के जोन चार में रखा गया है। ऐसे में अगर हिमालयी इलाकों में भीषण भूकंप आया तो दिल्ली के लिए संभल पाना मुश्किल होगा। इसमें एनसीआर के इलाके भी शामिल है। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में अगर बड़ा भूकंप आया तो जान माल का ज्यादा नुकसान होगा, क्योंकि पूर्वी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली के साथ ज्यादातर इलाके घनी आबादी वाले हैं। कई इलाके तो ऐसे भी हैं, जहां आपात स्थिति में मदद तक नहीं पहुंच सकती है।