रिवर राफ्टिंग का आनंद लेने के लिये उत्तराखंड में उमड़ी सैलानियों की भीड़
-चार दिनों में 19872 पर्यटकों का हुआ आगमन
देहरादून। पिछले दिनों उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा साहसिक पर्यटन को खोलने के निर्णय ने प्रदेश पर्यटन में एक नई जान फूंक दी है। इस निर्णय के बाद से ही एडवेंचर टूरिज्म में रूचि रखने वाले पर्यटकों का ताता, राज्य में लगने लगा है और उत्तराखण्ड के कई ऐडवेंचर पर्यटन स्थल अब धीरे-धीरे फिर से गुलजार होने लगे हैं। ऋषिकेश के शिवपुरी में होने वाली प्रसिद्ध वाइट रिवर राफ्टिंग पर्यटकों के लिए सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र बन गया है। इसके अतिरिक्त वाटर स्पोर्ट्स, ट्रैकिंग, पर्वतारोहण, एयरोस्पोटर्स और कैंपिंग जैसी गतिविधियां भी पर्यटकों को आपनी तरफ खींच रही है।
रिवर राफ्टिंग के बारे में बात करते हुए पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा, ‘‘ऐडवेंचर पर्यटन की बात आते ही ऋषिकेश में होने वाली वाइट रिवर राफ्टिंग सबसे पहले उभर के आती है। इस ऐडवेंचर स्पोर्ट ने देश-विदेश से पर्यटकों को अपनी तरफ खींचा है। हॉलीवुड अभिनेता ब्रैड पिट भी 6 घंटो तक राफ्टिंग का आनन्द उठा चुके हैं। हमे खुशी है की सरकार के इस निर्णय का पर्यटन पर सकारात्मक प्रभाव पडा है। उत्तराखंड पर्यटन विभाग सभी पर्यटको का स्वागत करता है और आशा करता हैं की पर्यटन का लुफ्त लेने के साथ-साथ पर्यटक तथा ऐडवेंचर सपोर्ट एजेंन्सियां कोविड सुरक्षा के लिए निर्धारित नियमों का जरूर पालन करते रहेंगे।’’
विदित हो की ऐडवेंचर पर्यटन शुरु करने के साथ ही सरकार ने कोविड 19 संक्रमण के बचाव के लिये दिशा-निर्देश भी जारी किये थे। नियमों के अनुसार एडवेंजर कंपनियों, एजेंसियों व टूर आॅपरेटरों को रिवर राफ्टिंग समेत वाटर स्पोटर्स की गतिविधियों के दौरान इस्तेमाल में लाए जाने वाले उपकरणों को पहले सैनिटाइज करना होगा। उन्हें थर्मल स्क्रीनिंग, सुरक्षित शारीरिक दूरी, मास्क, शील्ड, हाथ धोने की व्यवस्था जैसे नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करना होगा। ऋषिकेश में शिवपुरी साहसिक उत्साही लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है, क्योंकि यह राफ्टिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ रिवर रैपिड्स प्रदान करता है। उत्तराखंड में सर्वाधिक रिवर राफ्टिंग गंगा नदी में होती है। गंगा नदी में कोड़ियाला से ऋषिकेश में राम झूला के बीच तक 36 किमी का स्ट्रेच है जिसमें रिवर राफ्टिंग की जाती है। राफ्टिंग के लिए इसमें सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का है। पिछले चार वर्षों में ऋषिकेश में राफ्टिंग करने वाले पर्यटकों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 में सितंबर से दिसंबर तक 68604, 2018 में 349736, 2019 में 334753 व 2020 में मार्च तक 29932 पर्यटकों ने रिवर राफ्टिंग का आनंद लिया। वहीं अनलाॅक के बाद साहसिक खेलों को मंजूरी मिलने पर 2-5 अक्टूबर तक राज्य में 19,872 पर्यटकों का आगमन हुआ है।
राफ्टिंग एसोसिएशन ऋषिकेश के अध्यक्ष दिनेश भट्ट ने कहा, ‘‘26 सितंबर से अभी तक लगभग चार हजार लोग राफ्टिंग कर चुके हैं। जिसमें से 90 प्रतिशत यूपी, दिल्ली व हरियाणा के पर्यटक शामिल हैं। अभी राफ्टिंग के लिए काफी बूकिन्ग आ रही है और हमें उम्मीद है कि आने वाले दिनों में राफ्टिंग के क्षेत्र में काफी अच्छा कारोबार होगा। दिनेश भट्ट ने कहा कि हमारे पास 576 राफ्ट हैं जिससे 2304 लोगों को रोजगार मिल रहा है। प्रत्येक राफ्ट के साथ पर्यटकों की सुरक्षा के लिए चार कर्मचारी मौजूद रहते हैं।’’
राफ्टिंग आॅपरेटर एजेंसी ऋषिकेश के मालिक राजपाल यादव ने कहा, ‘‘राज्य सरकार द्वारा अनलाॅक के बाद खुले एडवेंचर टूरिज्म से वे और उनके साथी काफी खुश हैं। छः महीने के बाद लोगों को रोजगार मिलने से उनके चहरे खिले हुए हैं, उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालु भी जो साहसिक खेलों का आनंद लेना चाहते हैं उनके भी फोन आ रहे हैं राजपाल यादव का कहना है कि इस महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना भी आवश्यक है। हरियाणा से आये पर्यटक विक्की पाल ने बताया कि वे अपने दोस्तों के साथ उत्तराखण्ड की साप्ताहिक यात्रा पर आये हुए हैं, महीनों तक एक जगह पर रहने के बाद पहाड़ की ठण्डी हवा में रहना काफी अच्छा लग रहा है। उत्तराखण्ड राज्य की प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के साथ राफ्टिंग व आध्यात्मिक रूप से जीवंत को महसूस करते हुए ऋषिकेश के पवित्र शहर में कुछ समय बिताना अच्छा लग रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की प्राकृतिक सुन्दरता को देखने के लिए वे प्रत्येक वर्ष यहां आना चाहेंगे।