कोरोना वायरस के प्रकोप से पर्यटन क्षेत्र में तकरीबन पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित, 20 करोड़ भारतीयों पर रोजी-रोटी का खतरा
नई दिल्ली। पर्यटन मंत्रालय के अनुसार कोरोना वायरस के प्रकोप से पर्यटन क्षेत्र में तकरीबन पांच लाख करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है। परिवहन, पर्यटन एवं संस्कृति से संबंधित स्थायी समिति की बैठक में सदस्यों ने पर्यटन मंत्रालय के अलावा परिवहन, रेल एवं नागर विमानन मंत्रालय के अफसरों से कोरोना से निपटने के उपायों के अलावा इससे होने वाले आर्थिक नुकसान बारे में गहन पूछताछ की। इस दौरान कुछ रेल मंत्रालय के आला अफसर को बिना पूरी तैयारी के आने के कारण समिति की नाराजगी का भी सामना करना पड़ा।
20 करोड़ भारतीयों पर रोजी-रोटी का खतरा सूत्रों के अनुसार पर्यटन मंत्रालय के अफसरों ने समिति को बताया कि कोरोना से इस कैलेंडर वर्ष में 70 प्रतिशत उद्योग प्रभावित हुआ है। जिनमें करीब 95 फीसद लघु एवं मझोली इकाइयां शामिल हैं। उनके पास केवल 20-25 दिन का नकदी बची है। इसके बाद उन्हें कामकाज बंद करना पड़ सकता है। इससे बड़े पैमाने पर बेरोजगारी पैदा होने का खतरा है। यदि कोरोना का फैलाव जारी रहा तो ढाई करोड़ प्रत्यक्ष और दो करोड़ परोक्ष नौकरियां जा सकती हैं। उनके परिवारों को मिला लें तो 20 करोड़ भारतीयों पर रोजी-रोटी का खतरा मंडरा रहा है। इस पर सदस्यों ने पर्यटन क्षेत्र के लिए तत्काल आपात योजनाएं बनाए जाने का सुझाव दिया।
विदेशियों के प्रवेश की रोक से पर्यटन पर पड़ रहा असर एक प्रमुख विपक्षी दल के नेता ने कहा कि जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षेस नेताओं को वीडियो कांफ्रेस के जरिए कोरोना से लड़ाई के लिए संबोधित किया उसी प्रकार पर्यटन मंत्री व पर्यटन सचिव को राज्यों के मुख्य मंत्रियों और मुख्य सचिवों से इस पर बात करनी चाहिए। क्योंकि विदेशियों के प्रवेश पर रोक से पर्यटन पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। कोरोना के कारण पर्यटन मंत्रालय ने भी देश में अपने सभी पर्यटन केंद्रों, म्यूजियमों और स्मारकों को बंद कर दिया है।
एयर इंडिया की हुई तारीफ सूत्रों के अनुसार समिति के सदस्यों ने एयर इंडिया की विशेष रूप से तारीफ की और विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने के उसके प्रयासों को सराहा। सदस्यों ने एयर इंडिया के सीएमडी से कहा कि जाकर अपने कर्मचारियों को बताएं कि हम उनके आभारी हैं। कुछ विपक्षी सदस्यों ने कहा कि यद्यपि सरकार एयर इंडिया को बेच रही है। लेकिन हमारा मानना है कि ऐसे संकटों से निपटने के लिए एयर इंडिया का सरकार के हाथ में रहना जरूरी है। बैठक के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी राज्यों के सचिवों को सार्वजनिक परिवहन सेवाओं को सीमित करने, किराया रिफंड करने तथा लोगों को बहुत जरूरी होने पर ही यात्रा की सलाह देने के बाबत एडवाइजरी जारी की।