कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 4849 पहुंची
स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, आज देहरादून में सबसे ज्यादा 65 (22 प्राइवेट लैब) मामले सामने आए हैं। वहीं, हरिद्वार में 52 (07प्राइवेट लैब) , नैनीताल में 15, ऊधमसिंह नगर में 34, उत्तरकाशी में 16, अल्मोड़ा में पांच, चंपावत में दो और टिहरी में 21(11 प्राइवेट लैब) संक्रमित मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। प्रदेश में अब तक 55 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो चुकी है। जबकि 3297 संक्रमित मरीज ठीक होकर घर लौट चुके हैं। वहीं, प्रदेश में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट 67.99 फीसदी है और डबलिंग रेट 20.21 दिन है। देवप्रयाग के एक धर्मशाला में पति और दो बच्चों के साथ क्वारंटीन की गई लौटी महिला की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिसके बाद महिला को नई टिहरी आइसोलेशन वॉर्ड में भेजा गया है। शुक्रवार को क्षेत्र की एक महिला मुंबई से पति और दो बच्चों के साथ ऋषिकेश पहुंची। जहां पर उनके जांच सैंपल लिए गए। मंगलवार को जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महिला को आइसोलेशन वार्ड नई टिहरी भेजा गया है। जबकि महिला के पति और बच्चों के दोबारा कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए गए हैं। दूसरी ओर कीर्तिनगर क्षेत्र की पॉजिटिव महिला के पति और बच्ची की कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर उन्हें घर भेज दिया गया है। देहरादून जिले में कोरोना का कहर बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को जिले में कोरोना के 65 मामले सामने आए, जिनमें सेना के 16 जवान भी शामिल हैं। इसके अलावा सेलाकुई फैक्ट्री में काम करने वाले नौ कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक 45 मरीजों के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि सरकारी अस्पतालों में हुई। जबकि 22 मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है और वहीं पर कोरोना टेस्ट कराया गया था। जिन मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है उनमें गुजरात, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और अहमदाबाद से आए एक-एक मरीज शामिल हैं। जबकि सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में नौ मरीजों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 22 ऐसे कोरोना संक्रमित मरीज हैं, जिनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक जिले में अब तक 1178 मरीजों में कोरोना की पुष्टि हुई है। जिसमें से 801 मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं। रैपिड एंटीजन टेस्ट के जरिये संदिग्धों की जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से अधिक से अधिक संदिग्धों की जांच किए जाने के साथ ही मरीजों की संख्या बढ़ी है। कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मरीजों को कोविड-19 अस्पतालों में भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।