हाईकोर्ट का आदेश न मानने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना नोटिस
-कर्मचारियों को एसीपी का लाभ न देने का मामला
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने पर सचिव विद्यालयी शिक्षा को अवमानना का नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब पेश करने के लिए कहा है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ में हुई। पूर्व में खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त कर एकलपीठ के आदेश को सही ठहराया था।
याचिकाकर्ताओं ने आज अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि एकलपीठ ने उनके हक में फैसला देते हुए कहा था कि बेसिक शिक्षा परिषद में उनके द्वारा की गई सेवाओं को जोड़ते हुए उन्हें एसीपी का लाभ दिया जाए। आदेश हो जाने के बाद भी सरकार ने उनको एसीपी का लाभ नहीं दिया।
एकलपीठ के आदेश को सरकार ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी। पूर्व में खंडपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी थी। इस रोक को हटाने के लिए याचिकाकर्ताओं द्वारा खंडपीठ में प्रार्थना पत्र दिया। खंडपीठ ने सरकार की विशेष अपील को निरस्त करते हुए एकलपीठ के आदेश को बरकरार रखा था। इस निर्णय से प्रदेश के समस्त चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को एसीपी मिलने का रास्ता साफ हो गया था। कोर्ट का आदेश होने के बाद भी उनको अभी तक एसीपी का लाभ नहीं दिया जा रहा है। आज दिनेश जोशी, ललित लोहनी, त्रिभुवन कोहली व अन्य ने अवमानना याचिका दायर की है। अवमानना याचिका में कहा गया है कि उनके हित में कोर्ट ने वर्ष 2019 में आदेश दिया था, परंतु अभी तक उन्हें एसीपी का लाभ नहीं दिया गया।