राहुल गांधी की संसद सदस्यता सामाप्त किए जाने के विरोध में 26 मार्च को कांग्रेस ब्लाॅक व जिला मुख्यालयों में देगी धरना
देहरादून। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के आह्वान पर कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की ससंद की सदस्यता को सामाप्त किये जाने के विरोध में 26 मार्च को प्रातः 10.00 बजे से सांय काल तक प्रदेश के समस्त जिला एवं ब्लाक मुख्यालयों पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के समक्ष भाजपा सरकार की बुद्वि-शुद्वि के लिए एक दिवसीय धरना दिया जायेगा।
महामंत्री संगठन विजय सारस्वत ने कहा कि भाजपा देश में अलोकत्रांत्रित तरीके से विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है भविष्य में यह कदम स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक सिद्व होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार विपक्ष की आवाज को लगातार दबाने का प्रयत्न कर रही है। उन्हांेने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार अपने नाकामियों को छुपाने के लिए ईडी और सीबीआई का सहारा लेकर विपक्ष को डराने और धमकाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कां्रग्रेस पार्टी सड़क से लेकर सदन तक जनता की आवाज को उठाने का काम करेगी। श्री सारस्वत ने कहा कि भाजपा कहती थी कि कांग्रेस मुक्त भारत होगा तो तभी अच्छे दिन आयेंगे लेकिन विगत नौ वर्षो से भाजपा सरकार ने देश को महंगाई और बेरोजगारी के मकड़ जाल में उलझा दिया है। देश में संविधान और लोकतंत्र खतरे में है भाजपा की मोदी सरकार सरकारी एजेन्सियों का इस्तेमाल विपक्ष को डराने के लिए कर रही है। अब समय आ गया है कि देश की सभी लोकतांत्रिक शक्तियांे को एकजुट होकर तानाशाही सरकार के खिलाफ खड़ा होना पडेगा।
श्री सारस्वत ने कहा कि कांग्रेस न्यायालय का सम्मान करती है पर केन्द्र सरकार बदले की भावना से काम कर रही है। उन्होंने कहा आंखिर कांग्रेस के नेता अपनी बात कहां पर कहें। कांग्रेस के सासंदों को सदन में बोलने नही दिया जा रहा है, ताकि सदन में सरकार की किरकिरी ना हो और देश की मीडिया केन्द्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है, आंखिर देश को भाजपा की सरकार किस दिशा की ओर ले जाना चाह रही है। उन्होंने कहा विपक्ष अपनी बात अहिंसात्मक रूप से जनता के बीच में ले जायेगी। उन्होंने कहा कि विकास ठप्प पड़ा है, बेरोजगारी चरम पर है, मंहगाई आशमान छू रही है, देश की अर्थव्यवस्था चैपट है इन तमाम मुद्दों से देश की जनता का ध्यान भटकाने के लिए केन्द्र सरकार इस तरह के घिनौेने हथकण्डे अपना रही है ताकि डर के मारे कोई आवाज ना उठा सके।