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कांग्रेस के नये अध्यक्ष पर कार्यसमिति ने व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया की शुरू, संभावना है कि देर रात तक कांग्रेस के नये अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जायेगा

नई दिल्ली।  कांग्रेस के नये अध्यक्ष पर कार्यसमिति ने व्यापक विचार-विमर्श की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच अलग-अलग समूहों का गठन कर नये अध्यक्ष के नाम पर रायशुमारी कराई जा रही है। कार्यसमिति के दूसरे दौर की शनिवार देर शाम आठ बजे होने वाली बैठक में नये अध्यक्ष के नाम पर फैसला होगा। इस बात की पुख्ता संभावना है कि देर रात तक राहुल गांधी के उत्तराधिकारी कांग्रेस के नये अध्यक्ष के नाम का ऐलान कर दिया जाए। कांग्रेस ऑफिस में CWC की बैठक में शामिल होने के लिए यूपीए की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पहुंच गई हैं। बैठक में राहुल गांधी नहीं पहुंचे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह‍, एके अंटोनी, मल्लिकार्जुन खड़गे, ज्‍योतिरोदित्‍य सिंधिया आदि भी पहुंच गए हैं। बैठक के दौरान पांचों ग्रुप ने अपने-अपने नाम दिए।

राहुल ने अध्‍यक्ष बने रहने का आग्रह ठुकराया   कार्यसमिति की राहुल को इस्तीफा वापस लेने के लिए राजी करने की आखिरी कोशिश नाकाम रहने के बाद लगभग तय है कि दो दशक बाद कांग्रेस की कमान गांधी परिवार के बाहर के चेहरे के हाथों में होगी। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक शुरू होने के साथ ही नए अध्यक्ष के चयन को लेकर पार्टी में व्यापक रायशुमारी की राहुल गांधी के रुख को देखते हुए पांच समूहों का गठन कर दिया गया। इनमें दो अलग-अलग समूहों में राहुल गांधी और सोनिया गांधी का नाम भी शामिल था मगर दोनों ने रायशुमारी की प्रक्रिया से खुद को दूर रखा।

चुनाव से गांधी परिवार ने खुद को अलग किया   चर्चा में शामिल न होकर राहुल के साथ बैठक से बाहर निकलने के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि रायशुमारी में हम दोनों का रहना उचित नहीं। रणदीप सुरजेवाला ने भी कहा कि नये अध्यक्ष के चयन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के उच्च मानदंड के अनुरूप सोनिया और राहुल गांधी ने समूहों की बैठक में हिस्सा लेना मुनासिब नहीं समझा क्योंकि दोनों नहीं चाहते थे कि उनकी निजी राय किसी तरह चयन को प्रभावित करे। राहुल के इस्तीफे के बाद असमंजस के दौर से पार्टी को निकालने के लिए शुरू हुई निर्णायक बैठक में कार्यसमिति ने सबसे पहले एक सुर से राहुल गांधी से इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया। पार्टी नेताओं का कहना था कि मौजूदा कठिन चुनौती के दौर में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस के पास उनसे बेहतर कोई विकल्प नहीं। मगर राहुल ने बिना देरी किए इस्तीफा वापस लेने से इनकार कर दिया। साथ ही पार्टी नेताओं को यह भरोसा दिया कि वे अध्यक्ष नहीं रहने के बावजूद पार्टी की राजनीतिक लड़ाई में नये नेतृत्व और कार्यकर्ताओं के साथ दोगुने ताकत से हर पल साथ रहेंगे। राहुल के इस रुख के बाद नये अध्यक्ष के चयन के लिए व्यापक चर्चा करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पांच समूहों का गठन किया गया। इन समूहों को नेताओं से अध्यक्ष के लिए लोगों की पसंद जानने और सबकी राय बकायदा लिखित रुप के साथ अपनी-अपनी रिपोर्ट रात आठ बजे से पहले कार्यसमिति को सौंपने को कहा गया। इस समूह के नेताओं से हुई चर्चा के बाद जिस नाम पर सबसे ज्यादा सहमति होगी उसे ही पार्टी की बागडोर सौंपी जाएगी। इन समूहों की रायशुमारी में अधिकांश पार्टी नेता अब भी राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं। जबकि नेताओं की दूसरी पसंद प्रियंका गांधी बन रही हैं। जबकि मुकुल वासनिक और मल्लिकार्जुन खडगे के नाम पर रायशुमारी में बराबर की टक्कर की बात सामने आ रही है। चूंकि राहुल ने पहले ही साफ कर दिया है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का चेहरा होगा, ऐसे में वासनिक और खड़गे ही नये अध्यक्ष की रेस में हैं।

राहुल के दखल के बाद नये अध्यक्ष पर रायशुमारी के लिए बने पांच समूह
कांग्रेस के नये नेतृत्व की रेस में शामिल कुछ नेताओं के नाम पर सवाल उठाने के प्रदेश के नेताओं के रुख को देखते हुए कार्यसमिति ने नये अध्यक्ष के नाम पर सहमति के लिए चर्चा का दायरा बढ़ा दिया। राहुल गांधी के दखल के बाद नये अध्यक्ष पर सूबे के नेताओं से भी रायशुमारी कराने का फैसला करते हुए पांच अलग-अलग समूहों का गठन किया गया।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पहले शुक्रवार देर रात राहुल ने नये अध्यक्ष पर पार्टी के सभी प्रदेशों के अध्यक्षों, विधायक दल के नेताओं, सांसदों, अग्रिम संगठनों के प्रमुखों और एआइसीसी के सचिवों से मशविरा करने का रुख साफ कर दिया था। इसीलिए कार्यसमिति ने पांच समूहों का गठन किया।

पूर्वोत्तर भारत के राज्यों के नेताओं से चर्चा के लिए बने समूह में अंबिका सोनी, अहमद पटेल, ओमेन चांडी, हरीश रावत, दीपक बाबरिया, बालासाहब थोराट, एएन सिंह, मुनियप्पा, लुजिनो फेलेरियो, मीरा कुमार, सचिन राव और अरुण यादव को इसकी जिम्मेदारी दी गई।

पूर्वी भारत के नेताओं से मशविरे के लिए बने समूह में सोनिया गांधी, तरुण गोगोई, कुमारी शैलजा, गइखंगम, केसी वेणुगोपाल, आरपीएन सिंह, जितेंद्र सिंह, पीएल पुनिया, शक्ति सिंह गोहिल, दीपेंद्र हुड्डा और सुष्मिता देव को रखा गया। मगर सोनिया गांधी इसमें शामिल नहीं हुई।

उत्तर के राज्यों के नेताओं से चर्चा के लिए बने समूह में प्रियंका गांधी वाड्रा, अविनाश पांडेय, ताम्रध्वज साहू, रघुवीर मीणा, पी चिदंबरम, ज्योतिरादित्य सिंधिया, पीसी चाको, आशा कुमारी, जी संजीव रेड्डी और रजनी पाटिल को रखा गया।

पश्चिम के राज्यों के लिए बने समूह में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खडगे, गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल वोरा, एके एंटनी, के सिद्धारमैया, ए चेल्लाकुमार, जितिन प्रसाद, कुलदीप विश्नोई, श्रीनिवास बीवी और गौरव गोगोई को रायशुमारी की जिम्मेदारी सौंपी गई। लेकिन राहुल ने भी राय जानने की इस कसरत में हिस्सा नहीं लिया।

दक्षिणी राज्यों के समूह की अगुआई पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने की। इसमें आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक, अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सुरजेवाला, आरसी खुंटिया, तारिक हामिद कारा, लालजी देसाई, नीरज कुंदन और राजीव सातव भी शामिल थे।

कई दलित समुदाय के नेता दौड़ में   सूत्रों का कहना है कि खड़गे समेत कई दलित समुदाय के नेता अध्‍यक्ष पद की दौड़ में शामिल हैं। नए अध्यक्ष को लेकर मुकुल वासनिक, मल्लिकार्जुन खड़गे, अशोक गहलोत, सुशील कुमार शिंदे समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नामों की चर्चा है। सूत्र यह भी बताते हैं कि मुकुल वासनिक का नाम सबसे आगे है। देखा जाए तो कांग्रेस के सबसे संकटपूर्ण दौर में फिलहाल गांधी परिवार का नेतृत्व होते हुए भी जब पार्टी नेता खुलेआम पार्टी लाइन से असहमति जता रहे हैं। ऐसे में गांधी परिवार से बाहर के नए नेतृत्व के लिए भविष्य की चुनौती कितनी गंभीर होगी इसका सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

प्रदेशों के नेताओं ने साफ किए इरादे   बताया जाता है कि शुक्रवार को हुई कांग्रेस नेताओं की यह बैठक अनुच्छेद 370 के मसले पर आमराय बनाने के लिए बुलाई गई थी लेकिन इसमें नए अध्यक्ष को लेकर तमाम प्रदेशों के नेताओं ने अपने इरादे साफ कर दिए। इन नेताओं का कहना था कि पार्टी का एक वर्ग नए अध्यक्ष के लिए कुछ ऐसे नामों को आगे बढ़ा रहा है जो पार्टी का नेतृत्व करने में उतने सक्षम नहीं हैं। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने तो साफ कहा कि कुछ स्वार्थी लोग राहुल गांधी की कुर्बानी पर पानी फेरने की कोशिश में प्रायोजित नामों को उछाल रहे हैं।

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