विस नियुक्ति मामले मे कांग्रेस दुविधा मे, विरोध और समर्थन पर स्पष्ट करे रुखः चौहान
देहरादून। भाजपा ने कहा कि कांग्रेस विधान सभा भर्तियों के मामले मे दुविधा की स्थिति मे है और वह नियुक्तियों को जायज भी बता रही है तो इसकी सीबीआई जांच की मांग भी कर रही है। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को मामले मे अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पूर्व कर्मियों और जनता के बीच भ्रम का वातावरण बना रही है। यह नियुक्ति सही थी अथवा गलत कांग्रेस को रुख स्पष्ट करना चाहिए। अगर, वह नियुक्तियों को सही मानती है तो इस पर सीबीआई जांच की मांग क्यों कर रही है और यदि इनमे गलत या भ्रष्टाचार मानती हैं तो निकाले गए पूर्व कर्मचारियों के साथ धरने पर जाकर क्यों झूठ परोस रही है?
चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ज़ीरो टोलरेंस ऑन करेप्श्न की नीति पर काम करते हुए अब तक सज्ञान में आए नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के सभी प्रकरणों में पारदर्शी एवं कठोरतम कार्यवाही की है। भाजपा सरकार के इन ऐतिहासिक कदमों से जनता संतुष्ट है और कॉंग्रेस के नेता इससे बैचेन हैं।
उन्होने आरोप लगाया कि अपने आलाकमान के निर्देशानुसार उनके स्थानीय नेता जनता में भ्रम फैलाकर सरकार को बदनाम करने के एजेंडे पर काम कर रहे हैं। पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह एक ही दिन में नियुक्ति प्रकरण को लेकर दो अलग अलग विरोधाभासी बयान देते हैं। वह सुबह तो राज्य गठन से अब तक विधानसभा में हुई सभी नियुक्तियों की सीबीआई जांच की मांग करते हैं और दोपहर होते होते विधानसभा के पूर्व कर्मचारियों के धरने में जाकर उन्हे समर्थन देकर सहानुभूति बटोरते हैं द्य ठीक ऐसा ही दोहरा रवैया पूर्व सीएम हरीश रावत, करन माहरा व अन्य कॉंग्रेस नेताओं का रहता है।
चौहान ने कहा कि सच्चाई यह है कि योग्य युवाओं के साथ अन्याय न हो इसके लिए सरकार नियुक्ति प्रक्रिया को पारदर्शी व स्वच्छ बना रही है और पूर्व के जिस किसी प्रकरण में भ्रष्टाचार की संलिप्ता पायी जा रही उनमे निर्णायक व कठोरतम कार्यवाही की जा रही है। नियुक्तियों में भ्रष्टाचार के अधिकांश प्रकरण कॉंग्रेस शासनकाल के हैं लिहाजा उनके नेताओं से न निगलते और न उगलते बन रहा है। लिहाजा कभी नियुक्तियों को गलत बताते हैं कभी सही और इसी तरह जनता में भ्रम फैलाने की असफल कोशिश में लगे हैं। उन्होंने कहा कि जनता कांग्रेस की मंशा को समझ चुकी है और वह उसकी अवसरवादिता को स्वीकार नही करेगी।