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डेंगू को लेकर देहरादून में कांग्रेस ने किया सर्वे

देहरादून। प्रदेश में डेंगू के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन महारा के मार्गदर्शन में कार्यकर्ताओं ने देहरादून जिला जो की डेंगू की मार से सबसे अधिक प्रभावित है उसमें सर्वे कराने का मन बनाया। बृहस्पतिवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के माध्यम से इस सर्वे का डाटा साझा किया गया। मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी, परवादून अध्यक्ष मोहित उनियाल, महानगर अध्यक्ष डॉक्टर जसविंदर गोगी ने कार्यकर्ताओं की मदद से इस सर्वे को लगभग 400 लोगों के साथ किया। दून का गुनहगार कौन अभियान के तहत दून वासियों से यह जानने की कोशिश की गई कि वह आज शहर की बदहाल स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं? इस अभियान को शहर के अलग-अलग हिस्सों में संचालित कर जनता को अपने दर्द और सरकार के प्रति अपनी राय पहुंचाने का अवसर दिया गया। इस अवसर पर दसौनी ने कहा कि आज देहरादून देश की डेंगू राजधानी बन चुका है, शहर के हर इलाके ,मोहल्ले और कॉलोनी में हजारों की संख्या में डेंगू के केस रिपोर्ट हो रहे हैं। सरकार अपनी कमियों को छुपाने के लिए झूठे आंकड़ों की मदद ले रही है।

       दसौनी ने बताया की इस सर्वे में जनता के सम्मुख देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, दून जिला प्रशासन ,नगर निगम और उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग चार विकल्पों के रूप में दिए गए। जिसमें से 146 लोगों ने नगर निगम को ही इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया, दूसरे नंबर पर 87 लोगों ने स्वास्थ्य विभाग, तीसरे नंबर पर 60 लोगों द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट और चौथे नंबर पर 29 लोगों द्वारा दून जिला प्रशासन को दोषी ठहराया कराया गया। प्रेस वार्ता के माध्यम से कांग्रेस नेताओं ने इस सर्वे का डाटा साझा करते हुए कहा की देहरादून की जनता भाजपा सरकार की अवयवस्थाओं से बहुत अक्रोशित और क्षुब्ध है। दसौनी ने कहा कि सर्वे करने वाले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इन 400 लोगों के साथ अपना नंबर भी साझा किया और ब्लड की कमी या प्लेटलेट की कमी होने पर संपर्क करने व भरसक मदद करने का वादा किया। दसौनी ने पत्रकार बंधुओ के समक्ष एकत्रित किए गए डाटा को प्रस्तुत करते हुए कहा कि भाजपा की तरह कांग्रेस फर्जी आंकड़े नहीं रखती, यह पूरा सर्वे फील्ड में किया गया है और कोई भी इसको क्रॉस चेक कर सकता है क्योंकि हर फॉर्म भरने वाले ने अपना फोन नंबर उसमें अंकित किया है। दसौनी ने कहा कि हंगामा खड़ा करना हमारा मकसद नहीं हमारी कोशिश है की सूरत बदलनी चाहिए। महानगर अध्यक्ष डा० जसविंदर गोगी ने कहा की डेंगू ने शहर में भीषण महामारी का रूप ले लिया है। सरकार डेंगू से मौतों की संख्या छिपाने में लगी है।  ये बिल्कुल ऐसे ही हालात हैं जैसे कोविड के समय थे। कोविड तो अप्रत्याशित बीमारी थी, डेंगू का तो सरकार को पता था। ये नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही है।

       मेडिकल रिपोर्ट्स में गड़बड़ियां हो रही है। प्लेटलेट्स भी नहीं मिल पा रहे हैं। इस तरह की अनियंत्रित स्थिति और जनहानि का बड़ा कारण स्मार्ट सिटी और सीवर लाइन के अधूरे पड़े कार्य हैं क्योंकि जगह 2 गड्ढे और नालियां खुले हैं जहां पानी जमा हो रहा है। उनियाल ने कहा की समय रहते ना ही डेंगू की रोकथाम के लिए कोई कदम उठाए गए और ना ही बीमार और मरती हुई जनता की सुध लेने वाला कोई है। परवा दून जिलाध्यक्ष मोहित उनियाल ने कहा कि सरकार डेंगू के असल आंकड़े छुपा रही है और स्थिति को संभाल नहीं पा रही है, सभी अस्पताल इस समय मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए उगाही कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ब्लड रिपोर्ट और प्लेटलेट रिपोर्ट में भी व्यापक स्तर पर गड़बड़ झाला पाया जा रहा है। उनियाल ने कहा की देहरादून शहर एक साफ सुथरा बीमारियों से दूर रमणीक हरियाली से भरा हुआ शहर हुआ करता था परंतु आज शासन प्रशासन की सुस्त रवैए से देहरादून बदहाल हो चुका है। सावन हरे ना भादो सूखे की तर्ज पर बारिश हो चाहे ना हो देहरादून वासियों की दुश्वारियां कम होने का नाम नहीं ले रही।देहरादून वासी इस बदहाल स्थिति के लिए किसे जिम्मेदार मांनते हैं, सर्वे के माध्यम से लोगों की स्पष्ट राय सबके सामने है। सर्वे को सफल बनाने में जिन कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया वह हैं वीरेंद्र पंवार, सज्जाद अंसारी, अभिषेक तिवारी, लकी राणा, नितिन चंचल इस्लाम, फहीम शामिल रहे।

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