आयोग ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया
हरिद्वार। जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को उपभोक्ता सेवा में कमी का दोषी पाया है। आयोग ने बीमा कंपनी को खराब वाहन को ठीक कराने में खर्च राशि चार लाख 41 हजार 888 रुपये छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से, क्षतिपूर्ति में पांच हजार और शिकायत खर्च और अधिवक्ता फीस के रूप में पांच हजार रुपये शिकायतकर्ता को देने के आदेश दिए हैं।
अधिवक्ता अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सुखदेव नगर रुड़की निवासी शिकायतकर्ता प्रतीक चौधरी ने बीमा कंपनी रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड चेन्नई, सर्विस सेंटर डम डम ए टू जैड सोलानी पुल के पास रुड़की और शाकुंभरी ऑटोमोबाइल्स रुड़की के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया था कि जून 2018 में शाकुंभरी ऑटोमोबाइल्स से एक कार खरीदी थी। बीमा कंपनी से वाहन को बीमित कराया था। वैधता अवधि में देहरादून से आते हुए सड़क पर ट्रक को बचाने के चक्कर में कार पहाड़ी से टकरा गई थी। उक्त कार 50 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने बीमा कंपनी को सूचना दी। कंपनी ने सर्वेयर भेजा था। लेकिन सर्वेयर ने 20 प्रतिशत की मांग की। मना करने पर कंपनी सर्वेयर ने गलत जांच रिपोर्ट भेजी थी। कंपनी ने क्लेम देने से इंकार कर दिया था। बीमा कंपनी ने शिकायतकर्ता के भेजे गए कानूनी नोटिस का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया था। जबकि क्षतिग्रस्त वाहन को सर्विस सेंटर पर ठीक कराने में चार लाख 41 हजार 888 रुपये का खर्चा आया था। थक हारकर शिकायतकर्ता ने आयोग की शरण ली थी।