भिक्षावृति व बालश्रम में रेसक्यू किए गए बच्चों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएः डीएम
देहरादून। जिलाधिकारी सोनिका की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में बाल कल्याण समिति की बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति की बैठक का उद्देश्य धरातल पर कार्यों को लाना है ताकि बच्चों को मुख्य धारा में जोड़ा जा सकें।
बैठक में जिलाधिकारी ने बाल सदन, बालिका निकेतन, शैल्टर होम, के संबंध में जानकारी प्राप्त की तथा बालश्रम एवं भिक्षावृति में रेसक्यू किए गए बच्चों के पुर्नवास एवं शिक्षा आदि के संबंध में किए गए प्रंबध आदि की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि जो बच्चे भिक्षावृति, बालश्रम करते हुए पाए जाते है को प्रौढ शिक्षा के साथ ही कौशल विकास (स्किल डेवलपमेंट) आदि प्रशिक्षण दिया जाए इस कार्य में शिक्षा विभाग, तकनीकि शिक्षा के साथ ही एनजीओ का सहयोग लिया जाए। उन्होंने अपर जिलाधिकारी प्रशासन को बालगृहों में बच्चों की शिक्षा एवं स्किल डेवलपमेंट हेतु व्यवस्था बनाने तथा इस कार्य में एनजीओ को भी सम्मिलित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाल कल्याण समिति अभिभावक की तरह कार्य करें, तथा बच्चों को विश्वास में लेकर मुख्य धारा में लाने के लिए काउंसलिंग, शिक्षा, उनकी रूचि के अनुसार स्किल डेवलपमेंट करने एवं उचित मार्ग दर्शन हेतु व्यवस्था बनाए। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को बाल सदन, शैल्टर होम में रखे गए बच्चों के आयुष्मान कार्ड बनाने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि माह जनवरी से अब तक बालश्रम/भिक्षावृति आदि गतिविधियों में रेस्क्यू किए गए 190 बच्चों को उनके अभिभावकों से संपर्क करते हुए मूल राज्य में भेजा गया। उन्होंने जनपद में 18 वर्ष से अधिक की बालिकाओं के लिए उत्तररक्षा गृह के संबंध में जानकारी प्राप्त की जिस पर जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि जनपद में अभी भवन नहीं है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में उत्तररक्षा गृह हेतु पत्राचार करने के निर्देश दिए। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ0 शिव कुमार बरनवाल, जिला प्रोबेशन अधिकारी मीना बिष्ट, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति रश्मि कुलश्रेष्ठ, सदस्य बाल कल्याण समिति पूजा शर्मा, दिगबंर चौहान, प्रीति थपलियाल, प्रतिभा जोशी, संरक्षण अधिकारी संपूर्णा भट्ट व रश्मि बिष्ट, विधि-सह परिविक्षा अधिकारी आशा कंडारी, सहित संबंधित अधिकारी/कार्मिक उपस्थित रहे।