News UpdateUttarakhand

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्रसिंह रावत ने जताई पर्यटन क्षेत्र में तेजी से सुधार की उम्मीद

-पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा पर्यटन गतिविधियों में सुधार से रोजगार की स्थिति बदलेगी

-यूटीडीबी ने किया विश्व पर्यटन दिवस पर वेबिनार का आयोजन

देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा है कि कोविड-19 के कारण पर्यटन गतिविधियों की धीमी हुई रफ्तार में जल्द बदलाव होगा। स्थितियां सामान्य होने पर पर्यटन में तेजी से सुधार होगा। इसके लिए राज्य में प्रत्येक जनपद में थीम आधारित पर्यटन स्थल विकसित किए जा रहे हैं। विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद द्वारा आयोजित वेबिनार में मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाला सर्दियों का मौसम पर्यटकों को उत्तराखंड में आने के लिए प्रेरित करेगा। मुख्यमंत्री वेबिनार में मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित कर रहे थे। वेबिनार में उत्तराखण्ड सरकार, विशिष्ट अतिथि सतपाल महाराज पर्यटन मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार व विशेष अतिथि दिलीप जावलकर, सचिव पर्यटन ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वेबिनार के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘उत्तराखण्ड में पर्यटन तेजी से बढ़ा है, राज्य में धार्मिक एवं अन्य पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें रोजगार की बहुत संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड विभिन्न जैव विविधताओं वाला राज्य है। बर्फ से ढ़की पर्वत श्रृंखलाएं, बुग्याल, विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तु एवं अच्छा मानव संसाधन देवभूमि उत्तराखण्ड की ओर पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करता है, उत्तरकाशी जनपद में स्नो लेपर्ड पार्क बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड में पर्यटन पर आधारित गतिविधियां पूरे साल हो, इसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। क्याकिंग, राफ्टिंग, पैराग्लाइडिंग जैसी गतिविधियों के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल वातावरण है। सीमान्त क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में होमस्टे को बढ़ावा दिया जा रहा है, अभी 2200 से अधिक होम स्टे रजिस्टर्ड हो चुके हैं जिसमें अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, पौड़ी में काफी अच्छे होम स्टे बनाये गये हैं। होम स्टे के प्रति लोगों का रूझान भी बढ़ा है, होम स्टे पर्यटकों को आकर्षित तो करता ही है साथ ही यहां के लोगों के लिए रोजगार के भी अच्छे अवसर उपलब्ध करा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड आगमन के लिए अब पर्यटकों के लिए अच्छी सुविधा है। सर्दियों के समय उत्तराखण्ड का प्राकृतिक एवं नैसर्गिक सौन्दर्य पर्यटकों को यहां आने के लिए पे्ररित करता है।
वेबिनार के माध्यम से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, ‘‘पर्यटन क्षेत्र का उत्तराखण्ड की जीडीपी में अहम योगदान रहा है। हम पर्यावरण हित पर्यटन की तरफ आगे बढ़ रहे हैं, पर्यटन एवं तीर्थाटन के माध्यम से स्थानीय लोगों की आजीविका बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं। हमारा प्रयास आपदा को अवसर में बदलने का है। इस वर्ष विश्व पर्यटन दिवस की थीम ‘पर्यटन और ग्रामीण विकास पर आधारित है। ग्रामीण विकास के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। आने वाले दिनों में हमारे समग्र प्रयास से फिर उत्तराखण्ड की तस्वीर बदलेगी, पर्यटन गतिविधियों से लोगों की आजीविका में सुधार होगा। पर्यटन मंत्री ने कहा, ‘‘राज्य में धार्मिक पर्यटन के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए हमने पहले ही भगवती सर्किट पूरा कर लिया है। वहीं भगवान शिव, वैष्णव सर्किट, नवग्रह सर्किट, नाग देवता सर्किट, गोयल देवता, रामायण व महाभारत सर्किट, विवेकानंद, शाक्य और महासू देवता सर्किट पर काम पूरे पैमाने पर चल रहा है। नए सर्किटों का काम पूरा होने के बाद राज्य में धार्मिक पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे। इसके अतिरिक्त, भारतीय रेलवे ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक एक रेलवे लाइन बिछाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में पारंपरिक व्यंजनों को बढ़ावा देते हुए, उत्तराखंड को स्वास्थ्य पर्यटन के लिए सबसे पसंदीदा राज्य बनाना है। उत्तराखंड पॉलीहर्ब्स, मसालों का भंडार है, जो इसके चिकित्सीय उपयोग के लिए जाने जाते हैं और सदियों से ऋषियों और आयुर्वेद के प्रतिपादकों द्वारा उपयोग किए जाते हैं। हम कुमाऊँनी और गढ़वाली व्यंजनों की समृद्ध विरासत को मिलाकर राज्य को ‘‘हिमालयन इम्युनिटी व्यंजनों’’ के रूप में विकसित करने पर विचार कर रहे हैं। वेबिनार के माध्यम से सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा, ‘‘पर्यटन उद्योग, उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, जो राज्य को कोविड 19 के प्रभाव से उबारने की क्षमता रखता है। उत्तराखंड के ग्रामीण समुदायों के लिए, पर्यटन का सीधा मतलब अवसर से है। यह महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण प्रदान करता है। पर्यटन, ग्रामीण समुदायों को उनके प्राकृतिक परिवेश, साथ ही साथ उनकी संस्कृति और विरासत की रक्षा करने और इसे बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करता है। ये बाते हीं, पर्यटकों को अद्वितीय अनुभव प्रदान करती हैं और वे इसका आनंद लेते हैं। विश्व पर्यटन दिवस पर वेबिनार के माध्यम से पैनल स्पीकर के रूप में उपस्थित प्रसून जोशी, मनीषा पाण्डे, डाॅ. शिवम मैनी, मनदीप सिंह, धनुष सिंह एवं पर्यटन गतिविधियों से जुड़े जानकारों ने अपने सुझाव दिये।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button