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सीबीआइ ने एजेएल कंपनी को प्‍लॉट आवंटन के मामले में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट की दायर

पंचकूला। सीबीआइ ने नेशनल हेराल्‍ड के स्‍वामित्‍व वाली कंपनी एजेएल कंपनी को प्‍लॉट आवंटन के मामले में शनिवार को अदालत में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया। सीबीआइ ने चार्जशीट पंचकूला की विशेष अदालत में दाखिल किया। हुड्डा पर एजेएल को पंचकूला में प्लॉट आवंटन में हुई गड़बड़ी में शा‍मिल होने का अारोप है। दूसरी ओर, मोतीलाल वोरा ने कहा कि आवंटन में कोई गड़बड़ी नहीं हुई और सच्‍चाई की जीत होगी। शनिवार को सीबीआइ की अोर से प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। चार्जशीट में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के साथ वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा के खिलाफ भी आरोप लगाए गए है।बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में वर्ष 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया। मोतीलाल वोरा,  मैसर्स एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड और मैसर्स एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड के मोतीलाल वोरा उस अध्यक्ष थे। सीबीआइ द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने पर वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा ने कहा कि सरकार गलत नीयत व इरादे से कार्य रही है। मामला अदालत के विचाराधीन है और इस मामले में सच्‍चाई की ही जीत होगी। हम अदालत में चार्जशीट का जवाब देंगे। इस आवंटन में कोई अनियमितता नहीं हुई है।

यह है पूरा मामला

24 अगस्त 1982 को तत्‍कालीन सीएम चौधरी भजनलाल ने पंचकूला सेक्टर-6 में एजेएल कंपनी को 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी -17 अलॉट कराया। कंपनी को इस प्‍लॉट पर छह माह में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था। लेकिन, कंपनी 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। 30 अक्टूबर 1992 को हुडा ने अलॉटमेंट कैंसिल करके प्लॉट को रिज्यूम कर लिया।

 26 जुलाई 1995 को हुडा के मुख्य प्रशासक ने एस्टेट ऑफिसर के आदेश के खिलाफ कंपनी की अपील खारिज कर दी। 14 मार्च 1998 को कंपनी की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लॉट का अलॉटमेंट बहाली के लिए अपील की। 14 मई 2005 को चेयरमैन हुडा ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट अलॉटमेंट की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा। लेकिन, कानून विभाग ने अलॉटमेंट बहाली के लिए साफ तौर पर इनकार कर दिया।

18 अगस्त 1995 को फ्रेश अलॉटमेंट के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 28 अगस्त 2005 को हुड्डा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट अलॉट करने की फाइल पर साइन कर लिए। साथ ही कंपनी को 6 माह में निर्माण शुरू करके 1 साल में काम पूरा करने को भी कहा गया। सीए हुडा ने भी पुरानी रेट पर प्लॉट अलॉट करने के आदेश दिए।

 एसोसिएटड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) के अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन आवंटन का आरोप है। इस मामले में सतर्कता विभाग ने मई 2016 में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर केस दर्ज किया गया है। यह मामला हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर दर्ज हुआ है। चूंकि मुख्यमंत्री हुडा के पदेन अध्यक्ष होते हैं। यह गड़बड़ी हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ यह मामला दर्ज हुआ है। हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) को करीब 62 लाख रुपए का नुकसान पहुंचाए जाने का आरोप है।

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