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सीबीआइ की कार्रवाई के विरोध में, पूरा विपक्ष हुआ ममता बनर्जी के साथ खड़ा

नई दिल्ली। सीबीआई के राजनीतिक इस्तेमाल को लेकर पश्चिम बंगाल में मचे बवाल की गूंज सियासी अखाड़े से संसद तक पहुंच गई है। ममता बनर्जी के पक्ष में इस मुद्दे पर एकजुट हुए विपक्ष ने संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सीबीआई का दुरूपयोग करने का गंभीर आरोप लगाते हुए मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

कोलकाता में रविवार को सीबीआई की कार्रवाई की कोशिश को गैरकानूनी और संघीय ढांचे पर प्रहार बताते हुए विपक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के संवैधानिक संस्थाओं को तहस-नहस कर दिया है। सीबीआई को लेकर केंद्र के खिलाफ जंग में सभी विपक्षी दल पूरी तरह ममता बनर्जी के समर्थन में गोलबंद हो गए हैं। विपक्षी दलों की मजबूत गोलबंदी की वजह से ही संसद के दोनों सदनों में कोलकाता पुलिस कमिश्नर के यहां अचानक धावा बोलने पहुंची सीबीआई पर जमकर प्रहार किया गया। ममता के पक्ष में उतरे विपक्षी दलों के इस सुर में बीजेडी ने भी अपना समर्थन देकर केंद्र सरकार को झटका दिया। उधर, ममता का समर्थन करने के लिए राजद नेता तेजस्वी यादव और डीएमके कनिमोझी कोलकाता पहुंचे हैं। सीबीआइ की कार्रवाई के विरोध में संविधान बचाने की अपनी जंग को ममता बनर्जी ने जिस अंदाज में रविवार रात कोलकाता में शुरू किया, उससे साफ था कि संसद में इसकी सियासी गूंज होगी ही। इसके अनुरूप ही लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होते ही सोमवार को दोनों सदनों में तृणमूल समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने भारी हंगामा शुरू कर दिया। सीबीआइ को राजनीतिक मकसद के लिए हथियार बनाने का केंद्र पर आरोप लगाते हुए वेल में नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे की वजह से दोनों सदन स्थगित कर दिए गए। लोकसभा दोपहर बारह बजे फिर शुरू हुई तो तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय ने मामला उठाते हुए कहा कि मोदी सरकार डराने-धमकाने और विपक्ष की आवाज दबाने के लिए लगातार सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। विपक्ष शासित राज्य सरकारों के खिलाफ सीबीआई के दुरूपयोग के विरोध में ही ममता बनर्जी रविवार रात से सत्याग्रह कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में एक तरह से संवैधानिक चुनौती खड़ी हो गई है। राय ने कहा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा सीबीआई का इस्तेमाल कर संवैधानिक ढांचे का ध्वस्त कर रही है। बीजेडी नेता भतृहरि ने भी सीबीआई की कोलकाता में कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा कि इससे सीबीआई की साख पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि हमारा कोई लुंज-पुंज लोकतंत्र नहीं है मगर पिछले वर्षों में कुछ लोगों की दुर्भावना से प्रेरित कार्रवाईयों की वजह से संवैधानिक संस्थाओं की साख गिरी है। महताब ने कहा कि सीबीआई आज एक राजनीतिक औजार बन गई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार सीबीआई को हथियार बनाकर विपक्ष के नेताओं को खत्म करना चाहती है। सरकार के प्रयासों से साफ है कि वह विपक्ष को खत्म कर देश में तानाशाही शासन लाने का प्रयास कर रही है। खड़गे ने कहा कि पश्चिम बंगाल ही नहीं लखनऊ, कर्नाटक, चेन्नई सब जगह यह हथकंडा अपनाया जा रहा मगर विपक्षी दल झुकेंगे नहीं। सपा, एनसीपी, राजद समेत कई पार्टियों के नेताओं ने भी लगभग यही बात दोहरायी। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि एक महिला मुख्यमंत्री के खिलाफ सीबीआई का दुरूपयोग किया जा रहा है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जब विपक्ष के हमलों का जवाब देने उतरे तो तमाम विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर भारी हंगामा किया। शोर शराबे में ही गृहमंत्री ने केंद्र का पक्ष रखा और फिर सदन की कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इसी तरह राज्यसभा की कार्यवाही भी दो बजे जब फिर शुरू हुई तो तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन समेत विपक्षी सदस्यों ने संघीय ढांचे पर केंद्र के हमले को बेहद गंभीर बताते हुए जमकर हंगामा शुरू किया और सदन स्थगित हो गया। संसद में एकजुटता दिखाने से पहले राहुल गांधी से लेकर शरद पवार, मायावती, अखिलेश, अरविंद केजरीवाल, तेजस्वी यादव और स्टालिन से लेकर उमर अब्दुल्ला समेत विपक्षी खेमे के तमाम दिग्गज रविवार रात को ही ममता बनर्जी से बात कर पूरी तरह उनके साथ खड़ा होने का संदेश दे चुके थे। संसद में भी इन पार्टियों ने दीदी के समर्थन में उतर कर साफ संदेश दे दिया है कि तमाम आपसी विरोधाभासों के बावजूद लगभग पूरा विपक्ष एनडीए सरकार के खिलाफ एकजुट जंग लड़ने को तैयार है।

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