सीबीसीआईडी ने किया 36 करोड़ 50 लाख के फर्जी लोन का पर्दाफाश
रुड़की। सीबीसीआईडी व थाना झबरेड़ा पुलिस ने मिलकर एक करोडों की धोखाधड़ी के मामले का पर्दाफाश किया है। मामले में इकबालपुर शुगर मिल के तत्कालीन क्रेन मैनेजर और तत्कालीन अकाउंट मैनेजर इकबालपुर शुगर मिल को गिरफ्तार कर लिया है जबकि षड्यंत्र में शामिल तत्कालीन पंजाब नेशनल बैक इकबालपुर के मैनेजर सहित तीन अभी फरार है। मामले में पुलिस फरार की गिरफ्तारियों के लिए प्रयास कर रही है। जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना झबरेड़ा क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न वास्तविक किसानों व कई मजदूरों जिन्हे किसान दर्शाकर फर्जी तरीके से बैंक अकाउंट खुलवाकर और कूटकरित दस्तावेज तैयार कर पंजाब नेशनल बैंक की इकबालपुर शाखा से वर्ष 2008 से वर्ष 2020 तक कोप लोन लिये गए जिसकी संबंधित किसान एवं मजदूर को भनक भी नही थी। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब उन्हें बैंक के नोटिस मिले। इतने मोटे लोन के नोटिस मिलने पर उनके होश उड़ गए। लोन की किस्त जमा न होने पर पंजाब नेशनल बैंक ने संबंधित के नाम पर नोटिस जारी किए गए। सीधे सरल तरीके से अपना जीवनयापन कर रहे किसानों एवं मजदूरों को जब बैंक नोटिस मिला तो पूछताछ करने पर उन्हे इस जालसाजी का पता चला। उनके लिए ये किसी सदमें से कम न था। संबंधित प्रकरण का संज्ञान लेकर उच्चाधिकारीगण के आदेशानुसार तत्कालीन चौकी प्रभारी इकबालपुर उपनिरीक्षक मोहन कठैत ने शुगर मिल प्रबंधक व तत्कालीन बैंक पीएनबी मैनेजर इकबालपुर के विरुद्ध 19 जुलाई 2021 को थाना झबरेडा में मुकदमा अपराध संख्या 144/2021 धारा- 420, 120बी में मुकदमा दर्ज किया गया था तथा विवेचना के दौरान मुकदमें में धारा 467, 468, 471की बढोत्तरी की गई थी।
जांच की जिम्मेदारी सीबीसीआईडी को मिली मुकदमें की प्रारम्भिक विवेचना जनपद हरिद्वार में ही सम्पादित होने के पश्चात अग्रिम विवेचना आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्लू) सीबीसीआईडी देहरादून में स्थानान्तरित हुई। वर्तमान विवेचक निरीक्षक वेद प्रकाश थपलियाल ने 5 आरोपियों के 55 सीआरपीसी के तहत नोटिस जारी किए गये थे। थाना झबरेड़ा पुलिस ने आरोपी उमेश शर्मा व पवन ढींगरा को हिरासत में लिया गया है। दोनों आरोपियों को विवेचक ने न्यायालय के समक्ष पेश किया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। तत्कालीन बैंक मैनेजर सहित 3 अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। थाना झबरेड़ा पुलिस की इस ठोस कार्रवाई पर स्थानीय क्षेत्रवासियों, विशेष कर किसानों में, खुशी है।