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स्वरोजगार के लिए 1 से 15 सितम्बर तक जनपदों में लगेंगे कैम्प
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वरोजगार से ही आत्मनिर्भर भारत का उद्देश्य पूरा हो सकेगा। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में प्रदेश के विभिन्न विभागों में संचालित स्वरोजगार योजनाओं की समीक्षा करते हुए तय लक्ष्यों को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के निर्देश दिए। विभिन्न योजनाओं के तहत लोगों को बैकों से लोन लेने में कोई समस्या न हो, इसके लिए सभी बैंकर्स के साथ समन्वय सुनिश्चित किया जाए। लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए और उनकी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए सभी जनपदों में स्वरोजगार के लिए कैम्प लगाये जाए। इसके लिए प्रत्येक जनपद में मुख्य विकास अधिकारी को नोडल अधिकारी बनाया जाय। रोजगार कैंप में जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी केन्द्र एवं राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं की जानकारी देंगे और मौके पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 01 से 15 सितम्बर तक जनपदों में जो कैंप लगाये जायेंगे, उनमें जिलास्तरीय अधिकारी और बैंक के अधिकारी सभी आवेदनों का निस्तारण करते हुए लोन स्वीकृति की कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे। लोन के लिए बैंकों में प्राप्त आवेदनों के शीघ्र निस्तारण के लिए बैंक के वरिष्ठ अधिकारी ब्रांच स्तर तक लगातार मॉनिटरिंग करें। उन्होंने कहा कि सभी योजनाएं धरातल पर दिखनी चाहिए। समाज के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाएं पहुंचे, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। योजनाओं का विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाय। सरकार जनता के द्वार पहुंचकर जन समस्याओं का समाधान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल के मंत्र को अपना कर राज्य की प्रगति में युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है। हमारे युवाओं में कौशल और प्रतिभा की कमी नहीं है। हमारे स्टार्ट-अप उद्योग की सफलता हमारे युवाओं के उत्साह को दिखाती है। स्वरोजगार से जुड़ने वाले लोगों के लिए मार्केट उपलब्ध करवाने पर भी फोकस करना होगा। उत्पादों की उच्च गुणवत्ता पर भी ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न योजनाओं के अन्तर्गत स्वरोजगार से संबंधित मुख्य विभागों को लक्ष्य दिये। ग्राम्य विकास विभाग, समाज कल्याण, कृषि, पशुपालन, शहरी विकास, उद्योग एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा की। उन्होंने इन सभी विभागों को लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस वर्ष के टारगेट दिये। ग्राम्य विकास विभाग को 10 हजार, समाज कल्याण विभाग को 1500, पशुपालन विभाग को 04 हजार, शहरी विकास को 26 हजार, उद्योग विभाग को 4500 एवं पर्यटन विभाग को 500 का लक्ष्य दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कार्यवाही में तेजी लाएं। एक लाख से अधिक लोगों को इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के माध्यम से स्वरोजगार से जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए विभागों द्वारा सक्सेस स्टोरी बनाई जाय और लोगों को जागरूक किया जाय।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन में और तेजी लाई जाय। योजनाओं का जन-जन तक लाभ पहुंचे यह सभी अधिकारियों की सामुहिक जिम्मेदारी है। लाभार्थियों के आवेदनों की कमियों का त्वरित निस्तारण कर उनको योजनाओं का लाभ दिया जाय। कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी विभाग पोर्टल बेस्ड एप्रेच पर काम करें। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव अमित नेगी, आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलैश बगोली, राधिका झा, रंजीत सिन्हा सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।