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कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने *उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023* के प्रथम दिन निवेशकों को किया सम्बोधित
देहरादून। कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने *उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023* के प्रथम दिन के सत्र में देश व विदेश से पहुंचे निवेशकों को अपना संबोधन दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन के अनुरूप उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए “उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023” का आयोजन किया जा रहा है। इसमें इकोलॉजी और इकॉनमी का समन्वय बनाते हुए इस निवेश को धरातल पर उतारा जाएगा। जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित होंगे। इससे प्रदेश के विकास को अभूतपूर्व गति मिलने के साथ ही यहां की आर्थिक स्थिति को भी नई मजबूती प्राप्त होगी।
एफआरआई में आयोजित उत्तराखण्ड ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के प्रथम दिन डॉ अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है, जहां उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हमारी धामी सरकार ने पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 लागू की गई है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए सशक्त उत्तराखण्ड मिशन लॉन्च किया गया है, जिसके तहत अगले 5 वर्षों में राज्य की एसजीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारे युवा मुख्यमंत्री श्री धामी जी सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रहे है। राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्वालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी नीति निर्धारित की गई है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि सौभाग्य की बात है कि हम सभी देवभूमि में कर्म कर रहे है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह स्रोत है। उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों ने जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमाऊँ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा, तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में (8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि देश में 9वें स्थान पर है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की लीड्स की वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है। इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है। राज्य में निवेश प्रोत्साहन एवं संवर्द्धन हेतु उद्योग निदेशालय स्तर पर एक समर्पित इन्वेस्टर फैसिलिटेशन सेल की स्थापना की है, जो निवेशकों / व्यवसायियों के लिये ‘वन स्टॉप शॉप’ के रूप में डेडीकेटेड हैण्डहोल्डिंग सपोर्ट उपलबध करा रहा है। एक बड़ी बात यह है कि रूपये 5 करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिए एक डेडीकेटेड रिलेशनशिप मैनेजर की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। अपेक्षित अनुमोदन/अनुज्ञा/स्वीकृति हेतु राज्य में ऑनलाइन सिंगल विण्डो क्लीयरेंस पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट इनवेस्ट उत्तराखंड डॉट यूके डॉट जीओवी डॉट इन की स्थापना की गई है।
डॉ अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 2000 में पृथक राज्य गठन के पश्चात उत्तराखंड राज्य ने वैश्विक स्तर पर अपनी एक पहचान स्थापित की है। उत्तराखण्ड न केवल देश में, अपितु विश्व में भारत के स्विट्जरलैंड के नाम से विख्यात है। पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद खाद्य प्रसंस्करण, बीवरेजेज, टैक्सटाइल एवं एप्रैल्स पेपर एवं पेपर प्रॉडक्ट, फार्मा, इलैक्ट्रिकल, इलैक्ट्रॉनिक्स, एफ०एम०सी०जी०, फैबरिकेटेड मैटल प्रॉडक्ट, प्लाईवुड, रबर एवं प्लास्टिक प्रॉडक्ट्स, केमिकल प्रॉडक्ट्स, पैकेजिंग आदि सैक्टरों में वैश्विक एवं देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों द्वारा निवेश किया गया है।
इस दौरान आवास से सम्बंधित निवेशकों के साथ एमओयू किये गए। इस मौके पर एसीएस आनंद वर्धन, एमडीडीए के सचिव मोहन बर्निया सहित देश-विदेश के निवेशक उपस्थित रहे।