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सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 50 दिनों से मुंबई में जारी धरना कोरोना वायरस की वजह से खत्म

मुंबई।  सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ 50 दिनों से मुंबई के मोरलैंड रोड पर जारी धरने को कोरोना वायरस की वजह से खत्म करने का निर्णय लिया गया है। जोनल डीसीपी अभिनाश कुमार के मुताबिक, महिला प्रदर्शनकारियों ने कोरोना वायरस के कारण धरने को खत्म करने का निर्णय लिया है।गौरतलब है कि यहां पर दिल्ली के शाहीन बाग की तरह धरना दिया जा रहा था।

         रविवार को जब पूरा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जनता कफ्र्यू का पालन कर रहा था, यहां शाहीन बाग में सीएए और एनआरसी के खिलाफ लोग प्रदर्शन कर रहे थे। दो प्रदर्शनकारियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बावजूद इन लोगों ने कोई सबक नहीं लिया और एक स्थान पर पांच से अधिक लोगों के इकट्ठा नहीं होने का सरकार का आदेश भी नहीं माना।मालूम हो कि इन प्रदर्शनकारियों की जिद से लाखों लोगों की जान को मुश्किल में पड़ गई है। नियमों का धता बताते हुए धरना स्थल के आसपास छोटे-छोटे समूहों में लोग खड़े थे। रविवार को धरना स्थल के पास पेट्रोल बम फेंके जाने की सूचना के बाद यहां करीब सौ लोगों की भीड़ एकाएक और बढ़ गई।

         शनिवार रात प्रदर्शनकारियों के दो गुटों में प्रदर्शन खत्म करने को लेकर नोकझोंक भी हुई थी और अफरातफरी मच गई थी। इस दौरान एक गुट धरना खत्म करने की अपील कर रहा था जबकि दूसरा धरना जारी रखने पर अड़ा हुआ था।मानवता के खिलाफ है प्रदर्शनसरिता विहार, जसोला और आसपास के रहने वाले लोगों ने कहा कि शाहीन बाग में चल रहा प्रदर्शन अब सरकार नहीं बल्कि मानवता के खिलाफ हो गया है। धरना स्थल पर दो प्रदर्शनकारी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। ऐसे में आसपास रहने वाले लोगों पर संक्रमण का खतरा बेहद ज्यादा है। उधर, जामिया कोऑर्डिनेशन कमेटी ने रविवार को धरना- प्रदर्शन स्थगित कर दिया था।

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