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लालकुआं की नगीना बस्ती पर चला बुलडोजर, रेलवे की जमीन पर बने चार सौ घर ध्वस्त

हल्द्वानी। नैनीताल हाई कोर्ट के आदेश पर गुरूवार को जिला प्रशासन और रेलवे प्रशासन ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए लालकुआं रेलवे स्टेशन के पास रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर बसाई गई नगीना कॉलोनी पर बुलडोजर चला दिया। स्थानीय लोगों द्वारा इस कार्रवाई का विरोध करने पर उनकी पुलिस के साथ हल्की नोक झोंक भी हुई वही विरोध प्रदर्शन करने पर 20-25 लोगों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में दायर एक जनहित याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट द्वारा अभी बीते दिनों इस अतिक्रमण को हटाने के आदेश रेलवे व जिला प्रशासन को दिए गए थे। लालकुआं रेलवे स्टेशन के पास बसी इस नगीना कॉलोनी में कुल मिलाकर लगभग 400 कच्चे-पक्के मकान, दुकाने आदि बने हुए हैं जिनमें 4000 के आसपास आबादी रहती है। रेलवे प्रशासन द्वारा इन्हें एक सप्ताह पूर्व नोटिस जारी कर कहा गया था कि एक सप्ताह में वह स्वतः अतिक्रमण हटा ले और जमीन को खाली कर दें अन्यथा प्रशासन अपनी कार्रवाई करेगा। बीते कल भी रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन द्वारा इस इलाके में मुनादी कराई गई थी लेकिन लोगों ने अतिक्रमण नहीं हटाया।
गुरूवार सुबह जब रेलवे और हल्द्वानी प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ कॉलोनी में पहुंची और बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की गई तो अफराकृतफरी का माहौल बन गया कुछ लोग और स्थानीय नेताओं ने इसका विरोध शुरू कर दिया लेकिन मौके पर तैनात पुलिस बल ने उन्हें हिरासत में ले लिया और कार्यवाही जारी रखी। स्थानीय प्रशासन द्वारा मौके पर एक कंपनी पीएसी सहित 300 से अधिक सुरक्षाकर्मी लगाए गए हैं एसडीएम हल्द्वानी से लेकर एसएसपी तक अन्य अधिकारियों के साथ मौजूद हैं। समाचार लिखे जाने तक बुलडोजरों से टीन शेड और कच्चे-पक्के मकान व दुकानों को तोड़ा जा रहा था। जिन लोगों के घर मकान दुकान तोड़े जा रहे हैं वह भले ही अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कह रहे हो लेकिन उनकी याचिका कब तक दायर हो पाती है और कब तक उस पर सुनवाई होती है इसका कुछ पता नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आज शाम तक ध्वस्तीकरण की कार्यवाही पूरी कर ली जाएगी। अभी फिलहाल तो पीड़ित लोग अपना घर गृहस्ती का सामान समेटने में लगे हैं और बुलडोजर की कार्यवाही जारी है। इस अतिक्रमण को रेलवे द्वारा हल्द्वानी स्टेशन के आधुनिकीकरण और विस्तारीकरण के लिए हटाया जा रहा है क्योंकि यहां से कई अतिरिक्त ट्रेनें दूसरे राज्यों को चलाए जाने की योजना है।

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