ब्रिटिश संसद में भारतीय मूल के 11 सांसद दोबारा चुनाव जीतने में रहे सफल, चार नए चेहरे भी पहुंचे संसद
लंदन । ब्रिटिश संसद के निचले सदन हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय मूल के सांसदों का कुनबा बढ़ गया है। गुरुवार को हुए चुनाव में भारतीय मूल के 11 सांसद दोबारा चुनाव जीतने में सफल रहे। चार नए चेहरे भी संसद पहुंचे हैं। 2017 के चुनाव में 12 भारतवंशी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की थी। पहली बार चुनाव जीतने वालों में गगन मो¨हदर, क्लेयर कूटिन्हो, नवेंद्रु मिश्रा और मुनीरा विल्सन हैं।
मोहिंदर ने कंजरवेटिव पार्टी के टिकट पर हार्टफोर्डशायर साउथ वेस्ट सीट से जीत दर्ज की। इसी पार्टी की उम्मीदवार और गोवा से ताल्लुक रखने वाली क्लेयर ने सरे ईस्ट सीट से बड़े अंतर से अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार को हराया। नवेंद्रु लेबर पार्टी से स्टॉकपोर्ट सीट से चुनाव जीते हैं। जबकि विल्सन लिबरल डेमोक्रेट्स के टिकट पर साउथ-वेस्ट लंदन की सीट से निर्वाचित हुई।आसान जीत के साथ दोबारा संसद पहुंचने वाले भारतीय मूल के कंजरवेटिव उम्मीदवारों में प्रीति पटेल भी शामिल हैं। इसी पार्टी से इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक और आलोक शर्मा भी दोबारा संसद पहुंचे। शैलेस वारा ने नॉर्थ वेस्ट कैंब्रिजशायर और गोवा मूल की सुएला ब्रावरमैन ने फेयरहम सीट से जीत दर्ज की।
आम चुनाव में हालांकि विपक्षी लेबर पार्टी ने अपने कई गढ़ गंवा दिए लेकिन इस पार्टी के टिकट पर पिछली बार संसद पहुंचने वाले सभी भारतवंशी उम्मीदवार इस बार भी जीत गए। पिछले चुनाव में पहली सिख महिला के तौर पर संसद पहुंचने का रिकार्ड बनाने वाली प्रीत कौर गिल बर्मिघम एजबेस्टन सीट से फिर चुनी गई हैं। तनमनजीत सिंह ढेसी दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड की स्लफ सीट से भारतीय मूल के ही कंजरवेटिव उम्मीदवार कंवल तूर गिल को हराकर दोबारा संसद पहुंचे। वीरेंद्र शर्मा ने ईलिंग साउथहाल सीट से आसान जीत दर्ज की। लीजा नंदी विगान सीट और सीमा मल्होत्रा फेल्थम एंड हेस्टन सीट से दोबारा निर्वाचित हुई। पूर्व सांसद कीथ वाज की बहन वेलरी वाज ने वाल्सल साउथ सीट पर भारतीय मूल के कंजरवेटिव उम्मीदवार गुरजीत बैंस को परास्त किया।
प्रीति पटेल को अहम ओहदा मिलने की उम्मीद एसेक्स की विथम सीट से चुनाव जीतने पर पटेल ने कहा, ‘कंजरवेटिव पार्टी को बहुमत में लाने के लिए यह बेहद कठिन चुनाव जीतना अहम था। हम बेक्जिट को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह हमारी प्राथमिकता है।’ माना जा रहा है कि जॉनसन कैबिनेट में प्रीति को फिर अहम ओहदा मिल सकता है। वह पिछली सरकार में गृह मंत्री थीं।
63 भारतीयों ने लड़ा था चुनाव भारतीय मूल के 63 लोगों ने चुनाव लड़ा था। इनमें 25 को कंजरवेटिव पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा था। लेबर पार्टी से 13, ब्रेक्जिट पार्टी से 12 और लिबरल डेमोक्रेट्स से आठ भारतवंशियों ने चुनाव लड़ा था। बाकी अन्य दलों के उम्मीदवार या निर्दलीय रहे। इनमें से कंजरवेटिव और लेबर पार्टी से सात-सात भारतीय मूल के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। जबकि लिबरल डेमोक्रेट्स से एक भारतवंशी को जीत मिली।