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बुक माय ट्यूट्स ने यूजी कनफ्लुएंस का देहरादून में किया आयोजन

देहारादून। जैसे की हम सब जानते है डीयू, जेएनयू, बीएचयू जामिया मिलिया, एचन बी गढ़वाल विश्वविद्यालय, सहित 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया कॉमन यूनिवर्सिटीज़ एंट्रेंस टेस्ट पर आधारित है और इस साल से बारहवीं कक्षा का महत्व नगण्य कर दिया गया है। ऐसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से पढ़ाई करने के सपने रखने वाले छात्रों को ब्रह्म व अव्यवस्तिय स्थिति में छोड़ दिया है। इस समस्या को दूर करने के लिएबुक माय ट्यूट्स उत्तराखंड का सबसे बड़ा एडटेक स्टार्ट-अप ने आज यूजी कोनफ्लूएंस 2022 का आयोजन किया। यह कार्यक्रम शहर में एक तरह का अनूठा कार्यक्रम था, जिसका उद्देश्य कक्षा बाहरवीं के छात्रों को उनकी क्षमता, भविष्य के कैरियर पथ और बाजार में नौकरी के अवसरों के अनुसार परामर्श देना था। विशेष रूप से इंस्टिट्यूट ऑफ़ कम्पनीज सेक्रेटरीज ऑफ़ इंडिया) ने छात्रों को कंपनी सेक्रेटरी के रूप में करियर बनाने लिए प्रोत्साहित किया।
ग्राफिक एरा, बेनेट, ओपी जिन्दल एस आर एम, डी आई टेन्ड जीएनआईओटी  और पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी सहित देश भर के शीर्ष कॉलेजों ने छात्रों को कॉर्पाेरेट जगत की वास्तविक घटनाओं और उदार कला, विज्ञान, प्रबंधन कानून के भविष्य के दायरे की दृष्टि और नेचर  प्रदान करके बीए, बीएससी,बीबीए, बीकॉम, एल एल बी और बीसीए में प्रवेश के लिए मार्गदर्शन किया। एचपी ने छात्रों को उनकी कॉलेज यात्रा में उपयोग की जाने वाली प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में शिक्षित किया। सीए अमित गोयल और ठववाडल ज्नजमे के संस्थापक और सीईओ ने कहा, श्कई बार, यह देखा गया है कि छात्र क्षेत्र की अस्पष्ट समझ के कारण छात्र  अपनी रुचि के क्षेत्र में बदलाव करते हैं. इस अंतर को पाटने में मदद करने के लिए, हमने इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, जो इच्छुक छात्रों के लिए पूरी तरह से मुफ्त है। प्रीति गोयल ने कहा है इस तरह के शैक्षिक कार्यक्रम बच्चों को नाजुक समय पर मार्ग दर्शित करके उन्हें गलत निर्णय लेने से बचाते हैं और यहीं हमे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। सोमाश गर्ग (मेजबान और आयोजक) ने छात्रों को राष्ट्र की विकास के लिए काम करने के लिए प्रभावित किया और छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए लीडर बने ना कि एक फोल्लोवेर के विचार को दोहराया।शिक्षा क्षेत्र के दिग्गजों  को छात्रों की शैक्षिक यात्रा में मदद करने के लिए एक साथ आते देखना खुशी की बात है, भारतीय शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए इस तरह के धैर्य और प्रतिबद्धता की आवश्यकता है ताकि कल किसी भी बच्चे को बेहतर अवसर के लिए देश छोड़ने की आवश्यकता न हो। यह देश में शिक्षा क्रांति की शुरुआत है जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के सपने देखने वाले लाखों परिवारों के भविष्य को आशा देव है।

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