ब्यावरा थप्पड़ कांड के मामले में भाजपाइयों ने कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के खिलाफ अदालत में प्राइवेट इस्तगासा दायर किए
राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ की जिला कलेक्टर (डीएम) निधि निवेदिता का व्यवहार इन दिनों राज्य में सुर्खियां बना हुआ है। सीएए के समर्थन में रैली कर रहे भाजपा नेता को थप्पड़ मारकर चर्चा में आईं निधि निवेदिता ने एक एएसआई को भी थप्पड़ जड़ दिया था। भाजपा कार्यकर्ता भी कलेक्टर को छोड़ने के मूड में नहीं है। ब्यावरा थप्पड़ कांड के मामले में भाजपाइयों ने कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के खिलाफ अदालत में प्राइवेट इस्तगासा दायर किए हैं।
कलेक्टर के खिलाफ भाजपाई पहुंचे कोर्ट 19 जनवरी को ब्यावरा में सीएए समर्थन रैली के दौरान कलेक्टर ने भाजपा जिला मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने को थप्पड़ मारा था। डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा ने भी अन्य भाजपाइयों से मारपीट की थी। भाजपाइयों की शिकायत पर पुलिस ने दोनों अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की, तो करीब 12 भाजपाइयों ने ब्यावरा के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट विपिन साकेत की अदालत में अलग-अलग इस्तगासा दायर किए हैं, जिनमें कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर को पार्टी बनाया है। इनमें नरसिंहगढ़ के पूर्व विधायक मोहन शर्मा, राजगढ़ के पूर्व विधायक अमरसिंह यादव, जिला मीडिया प्रभारी रवि बड़ोने, विहिप जिला मंत्री मुकेश सेन, विकास करोड़िया, दीपकमल शर्मा आदि शामिल हैं। इन सबमें सुनवाई के लिए अलग-अलग तारीखें लगाई हैं।
कौन हैं निधि निवेदिता? निधि निवेदिता 2012 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। मूल रूप से झारखंड के सिंदरी की रहने वालीं निवेदिता की पहली पोस्टिंग झाबुआ में बतौर असिस्टेंट कलेक्टर हुई थी। इसके अलावा वह एकीकृत बाल विकास योजना की प्रॉजेक्ट डायरेक्टर और इंदौर की अडिशनल कलेक्टर भी रह चुकी हैं। सिंगरौली जिले में जिला पंचायत सीइओ के तौर पर तैनाती के दौरान उन्होंने शौचालय बनवाने में घपला करने वाले पंचायत सचिव से उठक-बैठक करवाई थी।
भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मारकर आई विवादों में बता दें कि राजगढ़ में सीएए के समर्थन में रैली के दौरान एक भाजपा कार्यकर्ता को थप्पड़ मारने के बाद निधि चौतरफा घिर गईं। एएसआई को थप्पड़ मारने की घटना सामने आने के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘सिद्ध हो चुका है कि राजगढ़ कलेक्टर ने अपनी सीमा लांघ कर पहले तो संसद में बने कानून का समर्थन कर रहे कार्यकर्ताओं पर थप्पड़ बरसाए और इसके साथ ही एक एएसआई को भी थप्पड़ मारा। कमलनाथ जी से मेरा सवाल है कि क्या अब भी इन्हें बचाया जाएगा या फिर इन पर कार्रवाई की जाएगी?