बिहार शेल्टर होम केस में सी0बी0आई0 का बड़ा खुलासाःब्रजेश ठाकुर ने सहयोगियों के साथ मिलकर ग्यारह लड़कियों की हत्या की और फिर उनका शव दफना दिया
पटना। बिहार शेल्टर होम केस मामले में सीबीआइ ने सुप्रीम कोर्ट में एक सनसनीखेज रहस्योद्घाटन किया है। जांच एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि मामले के प्रमुख आरोपित ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से 11 लड़कियों की हत्या कर दी। इसमें श्मशान घाट से हड्डियां भी बरामद की गईं हैं। शीर्ष कोर्ट में दाखिल अपने शपथपत्र में सीबीआइ ने कहा कि जांच के दौरान पीड़िताओं के दर्ज किए गए बयान में 11 लड़कियों के नाम सामने आए। कहा जा रहा कि ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से उनकी हत्या कर दी जांच एजेंसी ने कहा कि एक आरोपित से मिले संकेत पर श्मशान घाट में एक खास जगह पर खुदाई की गई जहां से हड्डियों को निकाला गया। एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह में कई लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया और यौन प्रताड़ना की शिकार हुई। यह मामला टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट से सामने आया। इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी गई। जांच एजेंसी ने ब्रजेश सहित 21 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है। शुक्रवार को यह मामला मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ के सामने पेश हुआ। पीठ ने कहा कि वह सीबीआइ को औपचारिक नोटिस जारी करेगी और जांच एजेंसी चार सप्ताह में अपना जवाब सौंपेगी। याची की ओर से पेश वकील शोएब आलम और फौजिया शकील ने पीठ से कहा कि सीबीआइ ने मामले में बड़ी साजिश के बारे में उचित तरीके से जांच नहीं की है। आरोपितों के खिलाफ कानून के कड़े प्रावधानों के तहत आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। पीठ ने पूछा, ‘क्या हम सीबीआइ को सुने बिना ही निर्देश दे दें?’ सीबीआइ की ओर से पेश अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि एजेंसी अपना जवाब सौंप चुकी है। संक्षिप्त सुनवाई के बाद पीठ ने मामले की सुनवाई छह मई तय कर दी।
आरोपियों को बचाने के आरोप को गलत बताया सीबीआई ने Bihar shelter home case में आरोपियों को बचाने के आरोप को नकारते हुए अपनी सफाई सुप्रीम कोर्ट में पेश की।चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अब इस मामले में याचिकाकर्ता को जवाब दायर करने को कहा है। वहीं, याचिकाकर्ता निवेदिता झा ने सीबीआई पर आराेपियाें काे बचाने का आरोप लगाया था। उनकी दलील थी कि सीबीआई ने न तो आरोपियों पर हत्या जैसे अपराध की धाराएं दर्ज की हैं और न ही इसमें शामिल बाहर के लोगों पर कार्रवाई की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सीबीआई से जवाब मांगा था। पटना सीबीआई एसपी देवेंद्र सिंह ने हलफनामा दायर किया है।