बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा अपने आवास से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर भूमिगत थीं
बेगूसराय । पूर्व मंत्री मंजू वर्मा की तलाश में बिहार पुलिस राज्य के कोने-कोने से लेकर अन्य राज्यों में हाथ-पैर मार रही थी, जबकि वे अपने आवास से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर भूमिगत थीं। मंजू अपने पति की बुआ के पास अनुमंडल क्षेत्र के महेशवाड़ा पंचायत के नौलखा गांव स्थित घर में थीं। वहां रहकर ही वे लगातार पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहीं। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि पति की गिरफ्तारी और कोर्ट से उनके खिलाफ वारंट निकलने के बाद वे लगातार अपने रिश्तेदारों के पास ठिकाना बदलती रही। चूंकि, मन में सरेंडर की बात चल रही थी और सुप्रीम कोर्ट का दबाव सामने था, इसलिए उन्होंने अपने घर से सबसे नजदीक के रिश्तेदार का आवास चुना, ताकि सरेंडर करने में भी परेशानी न हो।
दूर-दूर तक होती रही छापेमारी इधर, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पूरा पुलिस महकमा जागा और उनकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमों का गठन किया गया। चारों दलों ने पूर्व मंत्री के आस पास के कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की, लेकिन वे जगह पर नहीं पहुंच पाईं। इन दलों ने उनकी तलाश झारखंड के रांची, हजारीबाग के रिश्तेदारों के घरों समेत खगडिय़ा, समस्तीपुर, पटना, बिहारशरीफ और हाजीपुर में भी की।