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भारतीय मानक समय के अनुसार सार्वभौमिक रूप से सूर्यग्रहण का स्पर्श सुबह 8 बजे हो जाएगा

वाराणसी । गुजरते साल (2019) में अंतिम व पांचवां ग्रहण पौष कृष्ण अमावस्या यानि 26 दिसंबर को मूल नक्षत्र व धनु राशि में कंकणाकृति खंडग्रास सूर्य ग्रहण लगेगा। भारत के अधिकांश भागों में यह खंडग्रास के रूप में दिखेगा जबकि दक्षिणी भारत के कुछ क्षेत्रों में कंकणाकृति (अंगूठी) के आकार में दिखाई देगा। भारतीय मानक समय के अनुसार सार्वभौमिक रूप से सूर्यग्रहण का स्पर्श सुबह 8 बजे हो जाएगा तथा विश्व आकाश में यह ग्रहण 12.36 बजे पूर्णतया समाप्त हो जाएगा। महावीर पंचांग के संपादक ज्योतिषाचार्य डा. रामेश्वरनाथ ओझा ने बताया कि काशी में इस ग्र्रहण का स्पर्श सुबह 8.21 बजे होगा। मध्य सुबह 9.40 बजे औ मोक्ष सुबह 11.14 बजे होगा। काशी में सूर्य ग्र्रहण की अवधि 2 घंटे 53 मिनट की होगी। धर्म शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण का सूतक स्पर्श के समय से ठीक 12 घंटे पूर्व यानि बुधवार की रात 8.21 बजे शुरू हो जाएगा। सूतक काल में मंदिर में प्रवेश, मूर्ति स्पर्श, भोजन आदि के कार्य वर्जित हैं। बालक, वृद्ध व रोगी अत्यावश्यक पथ्याहार ले सकते हैं। ग्रहण के दौरान घर में रखे दूध, दही व घी आदि में कुश डाल देना चाहिए। ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने के पानी को भी बदल देना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को अपने पेट पर गाय के गोबर का लेप कर बंद कमरे में ही भगवान का नाम जपना चाहिए। ग्रहण काल में श्राद्ध, दान, जप व मंत्र सिद्धि आदि के शास्त्र सम्मत विधान का पालन करना चाहिए। फल की दृष्टि से यह सूर्य ग्रहण देश काल के लिए अनिष्टकारक होगा।

अगले साल चंद्रमा सलामत  ख्यात ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार ग्रहण की दृष्टि से 2020 अपने आप में खास होगा। इसमें सिर्फ दो ही ग्रहण लगेंगे और दोनों सूर्य ग्रहण ही होंगे। इसमें पहला 21 जून और दूसरा 14 दिसंबर को होगा।  पहला ग्रहण ही भारत में देखा जा सकेगा। यह अफ्रीका, दक्षिण पूर्व यूरोप, मध्य पूर्व के देशों में एशिया (उत्तर पूर्व रूस को छोड़कर), इंडोनेशिया और माइक्रोनेशिया में भी दिखाई देगा। वहीं 2020 का आखिरी ग्रहण जो भारत में दृश्य नहीं होगा लेकिन दक्षिण प्रशांत महासागर, गैला पागोस आइसलैंड, दक्षिण अमेरिका (उत्तरी भाग को छोड़ कर), अंटर्काटिका, दक्षिण पश्चिम अफ्रीका के भागों में दिखाई देगा।

साढ़े पांच घंटे बंद रहेगा बाबा दरबार पौष कृष्ण अमावस्या पर 26 दिसंबर को लग रहे सूर्य ग्रहण के चलते श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर सुबह छह बजे से सुबह 11.30 बजे तक बंद रहेगा। इस दिन मध्याह्न भोग आरती व पूर्व संध्या पर 25 दिसंबर की रात शृंगार भोग आरती में बाबा को फलाहार अर्पित किया जाएगा। दोनों ही दिन सभी आरतियां निर्धारित समय पर होंगी। मंदिर के सीईओ विशाल सिंह के अनुसार ग्रहण के बाद मंदिर खुलने पर 11.30 से 12.30 बजे तक मध्याह्न भोग आरती होगी। संकट मोचन मंदिर के महंत प्रो. विश्वंभरनाथ मिश्र ने बताया कि ग्रहण को लेकर मंदिर बुधवार की रात 8.30 बजे से बंद हो जाएगा और गुरुवार को सुबह 11.30 बजे खुलेगा।

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