‘‘भारत जोड़ो तिरंगा यात्रा’’ के पांचवे दिन कांग्रेस नेत्री गोदावरी थापली के नेतृत्व में निकाली गयी तिरंगा यात्रा
देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा प्रदेशभर में आयोजित ‘‘भारत जोड़ो तिरंगा यात्रा’’ के पांचवे दिन आज प्रदेष महामंत्री एवं पूर्व प्रत्याषी श्रीमती गोदावरी थापली जी के नेतृत्व में विधानसभा मसूरी के पुरकल गांव से भगवंतपुर गुनियाल गांव, चन्द्रोटी, बिश्ट गांव, सिंगली गल्जाड़ी, गगंोल पंडितवाड़ी, गजियावाला होते हुए घट्टेखोला, बिजापुर डैम तक यात्रा का आयोजन किया गया।
उन्होनें कहा ‘‘भारत जोड़ा तिरंगा यात्रा’’ महत्वपूर्ण निर्णय है। आज देश का सामाजिक ताना-बाना खत्म किया जा रहा है। देश में आज धर्म मजहब की राजनीति की जा रही है, देश किसी एक मजहब का नहीं है देश की आजादी के लिए सबने मिलकर अपना खून-पसीना बहाया है तथा जो भारत का इतिहास है वही कांग्रेस का इतिहास है। 9 अगस्त को ही कंाग्रेस का एक नारा था ‘‘ अंग्रेजो भारत छोड़ो’’ आज नया नारा है ‘‘ भारत जोड़ो’’। भाजपा के नेताओं का कोई जनाधार नहीं है जबकि कांग्रेस नेताओं के पीछे जनता है क्योंकि कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता जनता के सुख-दुःख में उनके साथ खडा है।
इस दौरान श्रीमती गोदावरी थापली नें कहा की आज नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश का लोकतंत्र समाप्त होता जा रहा है। कार्यकर्ताओं की महनत का नतीजा था कि पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में हम उत्तराखण्ड में सबसे बेहतर प्रदर्शन किया हां मेहनत के बावजूद अपेक्षित नतीजे नहीं आये जिससे कार्यकर्ता को निराश नहीं होना है हमें अपनी कमियों को दूर करने के लिए मंथन करना होगा तथा पार्टी का उदयपुर अधिवेशन इसीलिए बुलाया गया था जिसमें पार्टी ने महत्वपूर्ण निर्णय लिये।
उन्होनें कहा कांग्रेस पार्टी जब-जब कमजोर हुई है देश का लोकतंत्र कमजोर हुआ है। भाजपा का इतिहास झूठ पर खडा है कंाग्रेस कार्यकर्ता को अपनी भावनायें, विचार और आदर्श नहीं छोडने हैं। कांग्रेस पार्टी धर्मनिरपेक्षता के रास्ते पर चली है इसीलिए जनता हमें वोट करती है। विपक्ष में ही संगठन मजबूत होता है हमें एकजुट होकर पार्टी की मजबूती के लिए काम करना है तथा एक दिन कांग्रेस का नाम फिर से सुनहरे अक्षरों में लिखा जायेगा।
भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रदेशभर में 20 लाख तिरंगे झण्डे लगाने के कार्यक्रम को लेकर कहा कि भाजपा का यह निर्णय कांग्रेस विचारधारा की जीत है, क्योंकि आजादी के आन्दोलन से लेकर आजादी के उपरान्त 60 साल तक भाजपा तथा उसके मातृ संगठन आर.एस.एस. ने कभी भी तिरंगे को स्वीकार नहीं किया यह उनकी पुस्तकों में भी उल्लेखित है। आज भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की विचारधारा को स्वीकार करने को बाध्य है।