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उपचुनावों में भाजपा से नाराज दिखी जनता, 23 में से सिर्फ 4 सीटें भाजपा की झोली में

नई दिल्ली । उपचुनावों के नतीजे इस बार भी हमेशा की तरह भाजपा के लिए खुशी देने वाले नहीं हैं। खासकर यूपी के कैराना में विपक्षी एकता ने भाजपा को पटखनी देने में सफलता पाई है। हालांकि, उत्तराखंड और महाराष्ट्र के पालघर में जरूर भाजपा की जीत हुई है।

2014 में सत्ता में आने के बाद से भाजपा के उपचुनावों के सफर पर नजर डालें तो पार्टी को बहुत सफलता नहीं मिली है। अभी तक हुए उपचुनावों में भाजपा ने 23 में से सिर्फ 4 ही सीटें जीती हैं। हालांकि इस बात को भी नकारा नहीं जा सकता कि भाजपा को उपचुनाव में तो हार मिलती है, लेकिन मुख्य चुनाव में वह जीत जाती है। तभी तो इस वक्त कुछ गिने-चुने राज्यों को छोड़कर करीब-करीब पूरे भारत पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों का राज है।

यूपी में तीसरा झटका  भाजपा को यूपी में ये तीसरी बार झटका लगा है। इससे पहले गोरखपुर और फूलपुर के उपचुनाव में भाजपा दोनों सीट हार गई थी। कैराना भाजपा के लिए तीसरा झटका है। कैराना का चुनाव इसीलिए भी अहम माना जा रहा था क्योंकि यहां विपक्षी पार्टियों ने भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ा।चर्चा तो यहां तक है कि कैराना का उपचुनाव 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले संयुक्त गठबंधन और भाजपा की टक्कर का लिटमस टेस्ट है। हालांकि, अभी ये कहना जल्दबाजी होगी कि 2019 के लोकसभा चुनावों में ये लिटमस टेस्ट पूरी तरह सफल होगा और मोदी-शाह के विजय रथ को रोक पाएगा। आंकड़ों पर नजर डालेंगे तो पाएंगे कि उपचुनावों में जहां भाजपा चार सीटों पर जीत पाई तो वहीं कांग्रेस ने उपचुनावों में अब तक पांच सीटों पर जीत हासिल की ही।

एक नजर 2018 के उप-चुनावों पर

लोकसभा सीट उप-चुनाव से पहले उप-चुनाव में जीत
अलवर, राजस्थान भाजपा कांग्रेस
अजमेर, राजस्थान भाजपा कांग्रेस
उलुबेरिया, पश्चिम बंगाल एआइटीसी एआइटीसी
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश भाजपा सपा
फुलपुर, उत्तर प्रदेश भाजपा सपा
अररिया, बिहार आरजेडी

आरजेडी

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