भाजपा सरकार में उत्तराखण्ड राज्य की कानून व्यवस्था ध्वस्त:- कांग्रेस
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में भारत जोड़ो यात्रा की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसौनी, मीडिया पैनेलिस्ट सुजाता पॉल, लक्ष्मी अग्रवाल ने संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया गया।
संयुक्त पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए गरिमा माहरा दसौनी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भाजपा सरकार में राज्य की कानून व्यवस्था लचर अवस्था में पहुँच गयी है। आये दिन महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं घटित हो रही है। यमकेश्वर ब्लॉक में घटित घटना से आज उत्तराखण्ड फिर शर्मसार हो गया है पौडी जिले की बेटी अंकिता भण्डारी जो 15 दिन पहले भाजपा के नेता डॉ विनोद आर्य के रिसोर्ट में रिसेपनिस्ट के पद पर नौकरी में लगायी गयी थी और 15 ही दिन में डॉ विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य ने उसका शोषण/रेप करके नहर फेंक दिया जिसे सुनकर आज हर किसी की रूह कांप रही है और घटना के चार दिन बाद भी उत्तराखंड की पुलिस सोई रही।
दसौनी ने यह भी कहा कि विधानसभा भर्ती के लिए जो जांच समिति बनी है उन को चुनौती दी जाएगी क्योंकि हमारा मानना है कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा की गई कार्यवाही की जांच कोई आईएएस अधिकारी नहीं कर सकता हितसाधको को इस बात का लाभ कोर्ट में मिलेगा कि विधानसभा अध्यक्ष के कार्यों की जांच किसी भी अधिकारी, कर्मचारी से नहीं कराई जा सकती और जिन नेताओं वा रसूखदार लोगों ने अपने परिजनों की विधानसभा में नौकरी लगवाई है उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी यह हमारा बड़ा प्रश्न है साथ ही कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य किसी को नौकरी से हटाना नहीं है अपितु भ्रष्ट नौकरशाहों व नेताओं को जनता के सामने एक्सपोज करना है लोगों ने अपने रसूख अपनी ताकत अपनी हैसियत का इस्तेमाल करते हुए जनता को छलने का काम किया और अपने चहेतों को बैकडोर के माध्यम से नौकरियां दिलाने का अनैतिक काम किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी लगातार मांग करती आ रही है कि चूंकि विधानसभा एक संवैधानिक संस्था है तथा इसके चलते कमेटी की जांच मे यह सुनिश्चित किया जाना नितांत आवश्यक है कि विधानसभा में हुई भर्तियों मे कानून का पालन होने के साथ-साथ नैतिकता का पालन किया गया है
मीडिया पैनेलिस्ट सुजाता पॉल ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाली भाजपा सरकार में महिलाओं पर अत्याचार की घटनायें लगातार बढती जा रही हैं। भाजपा सरकार में अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है। गंगाभोगपुर में भाजपा नेता के बिना अनुमति के चल रहे रिजार्ट में राज्य की बेटी अंकिता भण्डारी के साथ हुई जघन्य अपराध की घटना इसका जीता जागता उदाहरण है। सुजाता पॉल ने कहा कि भाजपा के नेता आरोपी पिता व पुत्र को थाने में बैठाकर चाय पिलाते रहे और पीड़ित मां की रिपोर्ट 4 दिन से नहीं लिखी उन्होंने कहा कि जब कानून ही बड़े लोगों के तलवे चाट रहा है तो इस राज्य और देश का क्या होगा। यह सोच का विषय है। सुजाता पॉल ने सरकार से पूछा कि क्या अपने राज्य की बेटियां अपने ही राज्य में सुरक्षित नहीं है? क्या अपने ही राज्य में नौकरियां नहीं कर सकती हैं? क्या बडे-बडे लोग अंकिता भण्डारी जैसी मात्र 19 वर्षीय बच्ची के साथ हैवानियत से भरी हरकतों के लिए सरकार की शरण में हैं?
मीडिया पैनलिस्ट लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि जबसे भाजपा सत्ता में आई है तब से राज्य की कानून व्यवस्था अपने निम्न स्तर पर पहुॅच चुकी है। भाजपा सरकार में न तो बच्चियाँ सुरक्षित हैं और न महिलाएं। पिछले छः माह के अन्दर राज्य में महिलाओं के साथ घटित घटनाएं इसका प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के मैदानी जनपद ही नही अपितु पर्वतीय जनपदों में भी महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा कि बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का नारा केवल भाजपा का चुनावी जुमला बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड राज्य निर्माण आन्दोलन में यहां की महिलाओं का अतुलनीय योगदान रहा है तथा आन्दोलन में कई आन्दोलनकारियों ने अपने प्राणों की आहुति तक दे दी थी। परन्तु आज जिस प्रकार भाजपा की सरकार में महिलाओं आये दिन बलात्कार एवं हत्या जैसे जघन्य अपराध किये जा रहे हैं उससे पूरा उत्तराखण्ड अपने को लज्जित महसूस कर रहा है। उन्होनें सरकार से मांग की है कि अंकिता भण्डारी प्रकरण के दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए जो महिला अपराध करने वालों के लिए एक नजीर साबित हो।
गरिमा माहरा दसौनी सुजाता पॉल लक्ष्मी अग्रवाल
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