भाजपा पंजाब में बड़े सियासी दांव की तैयारी में
खन्ना (लुधियाना)। पंजाब में भाजपा अलग राह तलाश रही है। इस बारे में पंजाब भाजपा के संगठन मंत्री दिनेश कुमार ने शनिवार को साफ संकेत दिए। दिनेश कुमार भाजपा के मिशन पंजाब के खुलकर बाेले। उन्होंने यहां कहा कि तकड़ी यानि तराजू (शिरोमणि अकाली दल का चुनाव निशान) के कारण नरेंद्र मोदी और भाजपा को पंजाब में कम वोट मिले। लोकसभा चुनाव में लोग कमल का निशान ईवीएम में ढूंढ रहे थे, लेकिन यह अधिकतर सीटों पर नहीं मिली। इस पर अब हमने सोचना होगा। हमें राज्य में घर-घर कमल खिलाना है।
पंजाब भाजपा के संगठन मंत्री दिनेश कुमार बोले- तकड़ी के कारण भाजपा को कम वोट मिले बता दें कि लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब के राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं गर्म हैं कि भाजपा पश्चिम बंगाल की तरह पंजाब में भी अपना रुतबा कायम करना चाहती है। इसको लेकर यह भी कहा जा रहा है कि भाजपा पंजाब में अपने गठबंधन साथी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) से अगले चुनावों में अधिक सीटों मांग सकती है। दिनेश कुमार खन्ना में कार्यकर्ता सम्मान समारोह में पहुंचे थे। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबाेधित कर आगे राह की झलक दी। दिनेश कुमार ने कहा कि जो उत्तर भारत के अन्य राज्यों में हुआ है, वह पंजाब में भी हो सकता है। भाजपा ने उत्तर भारत के अन्य राज्यों में जो प्रदर्शन किया है वैसा ही पंजाब में भी करने की क्षमता रखती है। उन्होंने कहा कि पंजाब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष लगाव रहा है। पीएम मोदी के पंजाब से प्यार का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां से राजग के चार सांसद ही हैं, लेकिन उन्होंने पंजाब तीन मंत्री दे दिए। यह आने वाले समय के लिए शुभ संकेत है। दिनेश कुमार ने कहा कि गठबंधन के बारे में बाद में सोचेंगे। अभी मकसद हर घर में कमल खिलाना है। साथ ही उन्होंने भाजपा के मिशन पंजाब के खुलकर दिए संकेत। उन्होंने कहा कि संगठन को और मजबूत करें। कार्यकर्ता भविष्य के लिए तैयार रहें।
भाजपा की शिअद से 50 फीसद सीटें मांगने की भी तैयारी बता दें कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में 18 सीटें जीतकर ममता बनर्जी का किले में सेंध लगाई थी। बताया जाता है कि इसके बाद भाजपा ने अपना रुख पंजाब की ओर करने की रणनीति पर काम कर रही है। पंजाब में गठबंधन के तहत विधानसभा की 117 सीटों में से भाजपा के हिस्से में 23 और शिअद के हिस्से में 94 सीटें हैं। लोकसभा की 13 सीटों में 10 शिअद और तीन सीटें भाजपा के हिस्से में हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने अपने हिस्से की तीन सीटों में से दो जीती, लेकिन शिअद अपने हिस्से की 10 में से दो सीटें ही जीत सकी। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा अपने गठबंधन साथी शिअद से 50 फीसद मांगने की तैयारी में है। पिछले दिनों पार्टी के जिला प्रधानों और कोर कमेटी की मीटिंग में भी यह बात प्रमुखता से उभरी कि अब वक्त आ गया है भाजपा को पंजाब में अपने पांव पसारे। जिला प्रधानों की मीटिंग में भी ज्यादातर नेताओं का कहना है कि भाजपा अपने कोटे को बढ़ाए, अन्यथा पार्टी का काडर हतोत्साहित हो जाएगा।