Uttarakhand

बारिश का मौसम डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया सहित कई वेक्टर जनित बीमारियों को जन्म दे सकता है, इसे नजरअंदाज न करें

देहरादून।  मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पीटल, देहरादून के विशेषज्ञों ने मौसमी वेक्टर-जनित बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया को संबोधित किया। भारत में कोविडदृ19  की महामारी का कहर जारी है लेकिन साथ ही साथ वेक्टर जनित बीमारियों के प्रकोप में भी तेजी देखी जा रही है। हालांकि लोग वेक्टर जनित बीमारियों को लेकर सावधान नहीं हैं लेकिन इन बीमारियों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए।
      मैक्स विशेषज्ञों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि बरसात के मौसम में मलेरिया, डेंगू, फ्लू, दस्त, चिकनगुनिया और टाइफाइड जैसी बीमारियां आम हैं और इन बीमारियों के लक्षण इस समय जारी कोविड दृ 19 की महामारी के समान ही है। आज के समय में लोग मामूली सर्दी या खांसी को लेकर चिंतित हो जाते हैं। किसी को सर्दी या खांसी के लक्षण होने पर पूरे परिवार में चिंता फैल जाती है। ऐसे में लोगों को इस बात की कोशिश करनी चाहिए कि वे मौसमी बीमारियों से दूर रहने के लिए सभी आवश्यक सावधानी बरतें ताकि वे मौसमी बीमारियों से सुरक्षित रहें। हालांकि इसे लेकर भयभीत होने की जरूरत नहीं है लेकिन सही कदम उठाना एवं व्यक्तिगत स्तर पर रोकथाम करना आवश्यक है। मलेरिया या डेंगू बुखार और कोविडदृ  19 के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि बुखार, सिरदर्द, दस्त, गले में खराश और बेहोशी जैसे लक्षण दोनों में आम हैं।
      इंटरनल मेडिसिन की सीनियर कंसल्टेंट डॉ रश्मि बाजपेई ने कहा, ’ दुनिया भर में फैली कोविड दृ 19 महामारी दोधारी तलवार की तरह है। हम पिछले कुछ महीनों से इस महामारी का मुकाबला करने में व्यस्त हैं, लेकिन इसी दौरान अन्य बीमारियाँ भी फैल रही हैं जिसकी ओर हमारा ध्यान नहीं जा पा रहा है। मानसून के मौसम की शुरुआत के साथ, वेक्टर-जनित रोगों में तेजी आने की संभावना बहुत अधिक है। ऐसे में कोविड दृ 19 जैसे लक्षणों का उपचार काफी मुश्किल हो सकता है। इसलिए, लोगों को इन बीमारियों से बचने के लिए सभी सावधानी बरतनी चाहिए और अपने टेस्ट समय पर करने चाइये। ”
     मैक्स हास्पीटल, देहरादून के उपाध्यक्ष एवं यूनिट प्रमुख डॉ संदीप सिंह तंवर ने कहा, “मैक्स हास्पीटल, देहरादून इस महामारी के दौरान सभी आपात स्थितियों और नैदानिक मामलों के इलाज के मामले में अग्रिम पंक्ति में रहा है। हमारी टीमें यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं कि इस महामारी के प्रकोप के कारण उन मरीजों के उपचार में कोई बाधा नहीं आए जिन्हें कोविड दृ 19 नहीं है। पूरे देश में लागू लॉकडाउन के बीच, मैक्स हास्पीटल, देहरादून हमेशा की तरह बिना किसी ब्रेक के समर्थन, सेवाओं और संचालन का विस्तार कर रहा है। हम सभी से सुरक्षित रहने और आवश्यक सावधानी बरतने और निवारक उपायों के लिए न केवल कोविड के खिलाफ बल्कि अन्य वेक्टर जनित रोगों के खिलाफ भी सभी एहतियात बरतने की अपील करते हैं।ʺ
      मॉनसून के आगमन के साथ इससे जुड़े विभिन्न स्वास्थ्य जोखिम भी आते हैं। इसके अलावा पिछले तीन महीनों के दौरान जिन विशाल स्थानों का उपयोग नहीं हुआ या जो स्थान खाली हो गए थे वे  मच्छरों के प्रजनन के हॉटस्पॉट बन सकते हैं। इसलिए, अब जब लोग कार्यालयों, दुकानों और वाणिज्यिक स्थानों में काम के लिए दोबारा लौट रहे हैं वैसे में जरूरी है कि इन स्थानों पर आवश्यक एहतियाती उपाय करें। हालांकि हर बुखार जरूरी तौर पर वायरल इन्फेक्शन के कारण नहीं होता है। लोगों को पहले की तुलना में कहीं अधिक वेक्टर जनित रोगों के बारे में समझने की जरूरत है। वेक्टर जनित रोगों से बचने का एकमात्र तरीका है कि मच्छरों और अन्य कीड़ों के काटने से खुद को बचाएं और आसपास के वातावरण को साफ रखें। मच्छर जनित बीमारियों को रोकने के लिए निम्नलिखित क्रियाएं आवश्यक हैं
– मच्छरों के प्रजनन के स्थानों को कम करें। अपने आस-पास पानी जमा न होने दें।
– घर के अंदर लिक्विड वैपोराइजर’ स्टिक्स, फैब्रिक रोल और स्प्रे जैसे मच्छर निवारक का उपयोग करें और बाहर जाने पर रिपैलेंट क्रीम, स्प्रे और पैच का उपयोग करें।
– सुनिश्चित करें कि खिड़की और दरवाजे की स्क्रीन अच्छे आकार में हैं और कसकर बंद हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें दुरुस्त करें या उसमें जरूरी बदलाव लाएं।
– घर से बाहर होने पर लंबी आस्तीन वाली शर्ट, ट्राउजर और मोजे पहनें, खासकर जुलाई से सितंबर तक, जब मच्छर अधिक पनपते हैं।

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