Uttarakhand

बंदरों के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के लिये चमोली और अल्मोड़ा में बनाए जाएंगे बंदरबाड़े

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र के दूसरे दिन सदन में प्रश्नकाल सुचारू रूप से चला। विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष के सदस्यों ने भी अपने क्षेत्रों से संबंधित समस्याओं के सवाल उठाए। बंदरों के आतंक से लोगों को निजात दिलाने के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने सदन में बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश में दो बंदरबाड़े बनाए जाएंगे। इनमें एक बंदरबाड़ा गढ़वाल मंडल में चमोली में और दूसरा कुमांऊ मंडल में अल्मोड़ा में बनाया जाएगा।
      प्रश्नकाल में देवप्रयाग के भाजपा विधायक विनोद कंडारी ने पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों की समस्या का मामला उठाया। उनका कहना था कि पर्वतीय क्षेत्रों में बंदरों द्वारा फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है जिस कारणों किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस पर वन मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने बताया कि बंदरों की समस्या के निराकरण के लिए हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर  पूर्व से ही प्रदेश में तीन स्थानों चिड़ियापुर, रानीबाग व अल्मोड़ा में बंदरबाड़े बनाए गए हैं, जिनमें बंदरों के बंध्याकरण की कार्यवाही की जा रही है, साथ ही विभिन्न प्रभागों के स्तर से बंदरों को पकड़कर घने वनों में छोड़ा जा रहा है। 7 हजार से अधित बन्दरों का बंध्याकरण किया जा चुका है। सरकार ने पहली बार बन्दरों से हुए नुकसान को आपदा में रखा है। आपदा मद से धनराशि वन विभाग द्वारा दी जाएगी। वन मंत्री ने बताया कि चमोली और अल्मोड़ा में बड़े बंदर बाड़े बनाए जा रहे हैं। हिमाचल की तर्ज पर बन्दर मारने की केंद्र से परमिशन मांगी गई है। वन विभाग में जल्द ही 27 वेटरनरी डॉक्टर्स के पद सृजित किए जा रहे हैं।

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