News UpdateUttarakhand

बदरीनाथ धाम को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया, शनिवार को बंद होंगे कपाट

देहरादून/बदरीनाथ। बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल हेतु कल शनिवार को बंद हो जायेंगे। आज 2768 तीर्थ यात्रियों ने श्री बदरीनाथ धाम के दर्शन किये है। आज तक श्री बदरीनाथ पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 191106 तीर्थयात्री श्री बदरीनाथ धाम पहुंच गये हैं।
बदरीनाथ धाम से देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ, श्री गंगोत्री, श्री यमुनोत्री धाम के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो चुके हैं।
श्री बदरीनाथ धाम के कपाट कल 20 नवंबर को शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। इस अवसर हेतु बदरीनाथ पुष्प सेवा समिति ऋषिकेश ने श्री बदरीनाथ मंदिर को 20 क्विंटल विभिन्न गेंदा गुलाब, कमल,आदि फूलो पत्तियों से सजाया है। अभी तक श्री बदरीनाथ धाम की यात्रा जारी है  चारधामों में  पांच लाख रिकार्ड श्रद्धालु पहुंचे है  जिनमें से श्री बदरीनाथ धाम 191106,श्री केदारनाथ 242712, श्री गंगोत्री 33166, श्री यमुनोत्री 33306  तीर्थयात्री पहुंचे है चार धाम पहुंचने वाले कुल तीर्थयात्रियों की संख्या 500290 है।
भगवान बदरीविशाल जी की पंच पूजाओं के अंतर्गत आज मां लक्ष्मी जी की पूजा तथा उन्हें श्री बदरीनाथ मंदिर आने की प्रार्थना की गयी। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने मां लक्ष्मी माता को स्त्रेण भेष में बुलावा भेजा। गत दिवस खडग पुस्तक पूजन हुआ तथा शीतकाल हेतु वेद ऋचाओं का पाठ बंद हो गया। इस अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.डी. सिंह, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल एवं आचार्यगण तथा सुनील तिवारी, राजेन्द्र चौहान, भूपेंद्र रावत, डा. हरीश गौड़, संजय भट्ट, कृपाल सनवाल, हरीश जोशी सहित तीर्थयात्री मौजूद रहे। आज बड़ी संख्या में तीर्थयात्री मंदिर पहुंचे। कपाट बंद के अवसर हेतु मंदिर को फूलों से सजाया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि विश्व प्रसिद्ध श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत पंच पूजाओं के पहले दिन 16 नवंबर को प्रातः से श्री गणेश जी की पूजाएं तथा शाम को गणेश जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो गये। 17 नवंबर को श्री आदि केदारेश्वर भगवान के कपाट बंद हुए। कल 18 नवंबर को खडग पुस्तक पूजन हुआ। कल 20 नवंबर शनिवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button